कोल इंडिया प्रबंधन नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-11 के तहत इस बार भी 15 फीसद वेतन वृद्धि की तैयारी कर रहा है। कोल इंडिया के आधिकारिक पत्र से यह बात सामने आई है। कोल इंडिया के वित्त महाप्रबंधक ने बीसीसीएल सहित सभी अनुषंगी कंपनियों के वित्त महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों के लिए एनसीडब्ल्यूए-11 एक जुलाई, 2021 से लंबित है। इस मद में कंपनी ने प्रत्येक कर्मचारी की सात हजार रुपये वेतन वृद्धि का प्रारूप तैयार किया है। तब तक प्रत्येक कर्मचारी के मद में रखा जाएगा, जब तक एनसीडब्ल्यूए-11 पर निर्णय नहीं हो जाता। श्रमिक संगठनों ने मूल वेतन में 50 फीसद वृद्धि की मांग की थी। पत्र के बाद कोयला उद्योग में कई कयास लगने लगे हैं। *मांग मूल वेतन में 50 फीसद बढ़ोतरी की। अधिकांश श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों का मानना है कि यह रकम कोयला मजदूरों के मूल वेतन का करीब 15 फीसद है। इस पत्र से यह साबित हो गया है कि कोल इंडिया प्रबंधन श्रमिकों के लिए 15 फीसद वेतन वृद्धि करने की योजना पर काम कर रही है। एनसीडब्ल्यूए-10 में भी कंपनी ने 15 फीसद की वृद्धि की थी। कोल इंडिया के इस कदम से चारों राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों की फजीहत होनी तय है। वजह यह कि उन्होंने जेबीसीसीआइ-11 के गठन से पूर्व संयुक्त रूप से कोयला मंत्री, कोयला सचिव एवं कोल इंडिया चेयरमैन को ज्ञापन दिया था, जिसमें मूल वेतन का 50 फीसद वृद्धि करने की मांग की थी। देखना होगा कि वे इसे कितना तक बढ़ा पाते हैं। *प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में 7 हजार की वृद्धि की तैयारी। बीसीसीएल अधिकारियों की मानें तो कोल इंडिया मुख्यालय ने वित्त विभाग को प्रत्येक कर्मचारी के हिसाब से सात हजार रुपये वेतन वृद्धि का आंकड़ा एक जुलाई, 2021 से ही जोडऩे का निर्देश दिया है। हालांकि, इसका भुगतान फिलहाल नहीं होना है। सेबी के नियमों के अनुसार कंपनी पर कितना आर्थिक बोझ पड़ेगा, इसका हिसाब-किताब लगाया जाएगा। प्रत्येक वेतन वृद्धि के समय सैप कंप्यूटर प्रोग्रामिंग पर अपलोड कर दिया जाता है। इससे यह अंदाजा लग जाता है कि इस वेतन वृद्धि के हिसाब से सीएमपीएफ व अन्य मद में कितने का योगदान देना होगा। जब अंतिम वार्ता हो जाएगी और एनसीडब्ल्यूए-11 पर समझौता हो जाएगा तब इसमें मामूली अंतर के साथ भुगतान किया जा सकेगा।
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