दिल्ली – इन दो देशों के फैसले से भारत हर रोज मुसीबत में, जनता की बढ़ सकती है परेशानी।

दिल्ली – इन दो देशों के फैसले से भारत हर रोज मुसीबत में, जनता की बढ़ सकती है परेशानी।

कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से आग लगी है और इसमें तेजी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का भाव 94 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। आपूर्ति संबंधी बाधाओं और सऊदी अरब व रूस द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के फैसले के बाद से क्रूड की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। अगर कच्चे तेल के दाम में तेजी इस रफ्तार से जारी रही, तो आने वाले त्योहारी सीजन में महंगाई का तड़का लग सकता है और लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती है। *10 महीने के हाई पर पहुंच गया भाव। दरअसल, शुक्रवार को इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। वही WTI क्रूड 91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है। कच्चे तेल की कीमत का यह आंकड़ा 10 महीने में सबसे ज्यादा है। इसमें जारी तेजी ने तेल कंपनियों के बजट पर असर दिखना शुरू कर दिया है। अगर इसी तरह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहती है तो फिर आने वाले दिनों में तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दाम में बढ़ोतरी का फैसला कर सकती है। जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ सकता है। *बीते साल भी आई थी जोरदार तेजी। बीते साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार इजाफा देखने को मिला था और रूस यूक्रेन युद्ध के बीच इसका भाव 139 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और काफी समय तक इस स्तर के आसपास बना रहा था। हालांकि, फिर इसके भाव में कमी आई और यह 90 डॉलर के नीचे पहुंच गया।

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