सैनिक देश की सीमा पर हो या गांव में, वह हर क्षण लोगों की रक्षा के लिए तत्पर रहता है। कारगिल युद्ध लड़ चुके 44 वर्षीय जसपाल सिंह ने इसे साबित किया है। बांह की हड्डी टूटने के कारण रॉड लगी होने के बावजूद गांव के लोगों को बचाने के लिए वह अस्पताल से छिपके से निकल गए और मिशन ‘बाढ़’ चलाकर 24 ग्रामीणों को बचाया।
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