स्कूल के प्रभारी एवं एक शिक्षिका पर आरोप ग्रामीण द्वारा लगाया है कि स्कूल समय पर नही आते हैं दोनों सप्ताह में दो दिन आते हैं और हाजरी बना कर चले जाते हैं, शिक्षिका तो अनपढ लगती है क्योंकि राष्ट गान नही जानती है, कुछ नही पढानें जानती है, प्रभारी एवं उक्त महिला शिक्षिका को इस स्कूल से हटाने का मांग कर रहे थे ग्रामीण, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं स्कूल प्रभारी के मिलीभगत से स्कूल में मनमानी हो रही थी, मध्यान भोजन में अनियमिता बरती जा रही थी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कोई एक्शन नही ले रहे थे, पिछले चार दिनों से स्कूल में ग्रामीणों ने प्रभारी एवं शिक्षिका का विरोध करते हुए ताला जड़ दिया था, लेकिन प्रभारी एवं शिक्षिका का हाजरी बन रहा था, और स्कूल खुले होने का रिपोर्ट कार्ड बन रहा था, ऐसा बयान में ग्रामीण महिला ने दिया है, स्कूल में जो आज हुआ कांड यह शर्मसार करने वाला कहा जा सकता है, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उक्त महिला पर थप्पड़ नही मारना चाहिए था, उठम पटकी नही करना चाहिए था, यह एक महिला पर आपतिजनक गाली एवं मारपीट करना कानूनी जुर्म है, वह भी एक पदाधिकारी होकर, यदि महिला ने कालर पकड़ा, उसके लिए वरीय पदाधिकारी थे,थाना था, शिकायत करते, आखिर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पहुच ही गयें सिमुलतला थाना, लेकिन बेज्जत होकर ही पहुंचें थाना, एफ.यार के लिए आवेदन किया है वियो के द्वारा, महिला का आवेदन नही लिया है, अब केके पाठक जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कारवाई करते हैं या अपने पदाधिकारी को बचाते हैं, या स्कूल की गलत व्यवस्था सुधारते हैं या, उक्त दोनों शिक्षकों को उस स्कूल से हटाते हैं, या उस महिला पर कानूनी कार्रवाई करते हैं, चूकि महिला होने के कारण कोई भी पुरुष हाथ नही उठा सकते हैं, महिला को शोषण एवं हाथ उठाना मारपीट करना कानूनी जूर्म है, महिला का ब्यान सुने ग्रामीण गवाह महिलाऐं का ब्यान सुने झाझा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का ब्यान सुने, बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो रहा है या शिक्षा व्यवस्था के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दबंग मनबडू हो गया, ऐसे में शिक्षा विभाव का नाम रोशन हो रहा है
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