धनबाद – खेल में राजनीति कोई नई बात नहीं है

ऐसा ही कुछ देखने को मिला धनबाद में पिछले 6 वर्षों से सुस्त गति से चल रही धनबाद फुटबॉल संघ में जिसमे अब विवाद हो गया है और आखिरकार दो फाड़ में बंटी हुई नजर आई धनबाद फुटबॉल संघ एक धनबाद फुटबॉल संघ जो की निबंधित है तो दूसरा धनबाद फुटबॉल संघ एड हॉक। 10 अगस्त दिन गुरुवार को धनबाद क्लब के एक सभागार में धनबाद फुटबॉल संघ की एड हॉक कमेटी की घोषणा हुई जिसमें चेयरमैन श्याम पांडे , अध्यक्ष शबीर आलम, महासचिव, मृदुल बोस और कोषाध्यक्ष सलाउद्दीन को बनाया गया। अध्यक्ष श्याम पांडे ने प्रेस वार्ता में बताया की पुरानी कमेटी सही ढंग से कार्य नहीं कर रही थी इसलिए एंडहॉक कमेटी का गठन करना पड़ा। फुटबॉल होना चाहिए । उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि आने वाले 6 महीने के अंदर वह इस अड हॉक कमिटी को निबंधित भी करवा लेंगे उन्होंने किसी प्रकार का कोई विवाद से साफ इनकार किया। वहीं दूसरी ओर धनबाद फुटबॉल संघ जो कि निबंधित है उनके पदाधिकारियों ने यूनियन क्लब में एक प्रेस वार्ता कर यह आरोप लगाया कि एडहॉक कमेटी फर्जी है पैसों की बंदरबांट और पद के लालच से इस कमेटी का गठन हुआ है प्रेस वार्ता करते हुए धनबाद फुटबॉल संघ निबंधित है के अध्यक्ष कुबेर सिंह ने कहा दीया कमेटी झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन के महासचिव गुलाम रब्बानी के इशारे से बना है वह इस कमेटी में अपने बेटे को एक सम्मानित पद देना चाहते हैं उन्होंने कहा की फुटबॉल में पैसों के लिए बंदरबांट, फर्जीवाड़ा, चुनाव में धांधली आदि जैसे मुद्दों को वे ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन में उठाएंगे और पूरे सबूत के साथ अपना पक्ष रखेंगे। एक ही दिन, एक ही समय दोनों पक्षों के द्वारा आसपास ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बड़ा दिलचस्प था अब यह देखना और भी दिलचस्प होगा कि आगे इस फुटबाल संघ में कौन गोल दागेगा, किसका गोल होगा और कौन गोल बचाएगा प्रस्तुत है मुकेश लाल के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से

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