माखन नगर – फर्जी व्याख्याता गोविंद सिंह ठाकुर को 31 जुलाई को ही रिटायरमेंट कर देना चाहिए था…

संपूर्ण नर्मदा पुरम मैं यह जन चर्चा बड़ी तेजी से चल रही है जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी लोक शिक्षण संचनालय के आदेशों को भी बिल्कुल नहीं मानते हैं इसका ताजा उदाहरण फर्जी व्याख्याता जीएस ठाकुर प्रकरण का है आपके संज्ञान में रहते हुए भी फर्जी व्या ठाकुर को31जुलाई को रिटायर क्यों नहीं किया गया। रिटायर ment के स्थान पर So cauge notice kyon दिया गया। जब मामला deo के संज्ञान में था तो रिटायरमेंट की यही कार्यवाही समय रहते अर्थात 31 जुलाई के पहिले क्यों नहीं की गई। कार्यवाही के लिए किसी अन्य शिकायतकर्ता को आधार बनाया गया,जबकि deo स्वयं इस हेतु सक्षम अधिकारी हैं। Scn में जितने भी आरोप फर्जी व्याख्याता ठाकुर पर लगाए गए हैं,वो सभी आरोप विभागीय जांचों में सिद्ध पाए गए है,फिर भी scn देकर समय दिया गया क्यों। सबसे बड़ी बात scn में दिए गए समय की सीमा समाप्त होने के बाद भी तत्काल gs ठाकुर को रिटायर नहीं किया गया क्यों। इत्यादि उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि फर्जी व्याख्या को बचाने के लिए ही deo नर्मदापुरम ने योजना अनुरूप उसे अनावश्यक scn जारी कर पर्याप्त समय दिया जिससे वो कोर्ट में जाकर deo के एससीएन को आधार बनाकर उसे चलेंज करके service extention के मंसूबे में कामयाब हो सकेl Deo नर्मदापुरम के संज्ञान में है कि इस संबंध में फर्जी के ऊपर चारसोबीसी की धारा सहित विविध धाराओं में मामला माननीय सिविल न्यायालय में चल रहा है फिर भी इन्होंने उसे बचाने की कोशिश की है, अतः न्यायालयीन आरोप सिद्ध होने पर शासन शासन से प्रद्त्तों की सम्पूर्ण वसूली इन जिम्मेदार deo नर्मदापुरम से की जानी चाहिए।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *