राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तराखंड की धामी सरकार से हिल स्टेशन मसूरी को बचाने की सिफारिश की है। एनजीटी द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने मसूरी की वहन क्षमता के अध्ययन के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने की सिफारिश की है। जोशीमठ बुधन शाह के चलते लोगों के घरों में दरार पड़ने की घटना के मद्देनजर एनजीटी ने यह एडवाइजरी जारी की है। फरवरी में एनजीटी के आर्डर के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने सर्वे के बाद सरकार से यह बात कही है। *जोशीमठ के रास्ते पर भीड़ कम करने की सलाह। गढ़वाल हिमालय की तलहटी पर स्थित मसूरी भूकंप की दृष्टि से जोन 4 में आता है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पहाड़ों के नीचे से बोल डरना हटाने और दलालों पर दिखने वाली दरारों को भरने का सुझाव भी रिपोर्ट में दिया गया है
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