सरकार अगर विकास के लाख दावे करती है तो उसे एक बार ग्रामीण अंचलों में संचालित हो विद्यालयों की स्थिति प्रमुखता से देखनी चाहिए,तब हकीकत का पता चलेगा कि आखिर में प्रदेश मे संचालित हो रहे विद्यालय किस हाल में है, आपको बता दें कि जिले के आदिवासी विकासखंड कुशमी के वनांचल क्षेत्र भुईमाड़ के प्रथामिक शाला सेमरा का भवन का छत पूरी तरह जर्जर हो चुका है, कभी भी छत गिर सकता है,और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, किंतु जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती दिख रही है,यहां पर कुल 54 छात्र छात्राएं दर्ज हैं, जहाँ दो दो रुम हैं एक हाल है और एक आँफिस हैं, इसके साथ ही यहां बनाए गए अतिरिक्त कक्ष की हालत और भी खराब है बता दें कि बने अतिरिक्त कक्ष मे ना तो एक दरवाजा हैं और ना एक खिड़की हैं,साथ ही बरसात हो.जाता है तो पानी टपकता हैं, पूछने पर बताया गया कि विद्यालय की बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण गर्मी की छुट्टियों में अज्ञात लोगों द्वारा छतिग्रस्त कर दिया गया है।
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