गोटेगांव – पूज्य गुरुदेव भगवान का जन्म शताब्दी समारोह नरसिंहपुर मंगलम के माध्यम से मनाया …

गोटेगांव -परमहंसी गंगा आश्रम में आयोजित पत्रकार वार्ता को चतुर्मास परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराजश्री ने ”नरसिंहपुर मंगलम” के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बतायाकि अपने साथ नरसिंहपुर जिले में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम लाये और स्वयं द्वारा पूर्ण शिक्षा,दीक्षा ज्ञान से परिपूर्ण कर सन्यास देकर अपनी उत्तराम्नाव ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य के पद पर अभिषिक्त करवाकर नरसिंहपुर का ही बना दिया चातुर्मास्य के प्रथम दिवस के प्रवचन में स्वयं ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित स्वामिश्रीःअविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज ने यह उद्घाटित किया (बतायाकि हमारा परिचय कहीं भी,किसी भी स्थान से जोड़कर कहा एवं देखा जावे,वह व्यवहारिक है, किन्तु हमारा मूल स्थान परमहंसी गंगा आश्रम जिला नरसिंहपुर ही है इस प्रकार परम पूज्य गुरुदेव भगवान का अनुग्रह नरसिंहपुर को सदैव मिलता रहा है,यहाँ तककि अपने पांचभौतिक देह कोभी नरसिंहपुर जिले में हीअपने द्वारा स्थापित भगवती राजराजेश्वरी के श्री चरणों में ही समाधिस्थ करने का मन्तव्य पूर्व में ही व्यक्त कर दिया था परमहंसी गंगा आश्रम में पूज्यश्री की समाधि लाखों भक्तों की उपस्थिति में दी गई परमपूज्य धर्म सम्राट् ज्योतिष एवं द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन जगतगुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वतीजी महाराज की जन्म जयन्ती का शताब्दी महोत्सव भव्य दिव्य रूप से उनकी तपोस्थली परमहंसी आश्रम झोतेश्वर में मनाया जा रहा है जिसमें पूज्यपाद अनन्तश्री विभूषित ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज का पावन सानिध्य हम सभी गुरु भक्तों को प्राप्त हो रहा है परम श्रद्धेय ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव जी का अवतरण सिवनी जिले में हुआ लेकिन अपनी जीवन लीला में नरसिंहपुर जिले को विशेष महत्व प्रदान करते हुए नरसिंहपुर का नाम भारत ही नहीं सारे विश्व में स्थापित किया है, नरसिंहपुर जिले को उन्होंने अपनी तपःस्थली कर्मभूमि आध्यात्मिक राजधानी व भगवती राजराजेश्वरी नित्या देवियों,चौसठ योगिनी की स्थापना कर पञ्चम धाम का गौरव प्रदान किया नरसिंहपुर जिले में ही भगवतपाद आद्यशङ्कराचार्य जी के गुरु गोविन्द पादाचार्य जी के स्थान का परिचय सभी को कराया जो नरसिंहपुर जिले में नर्मदाजी के उत्तर तट पर स्थित है गुरु गुफा आद्य शङ्कराचार्य जी की दीक्षा स्थली है,नरसिंहपुर जिले के ही एक बालक को शिष्यत्व प्रदान कर पूर्ण शिक्षा दीक्षा ज्ञान से परिपूर्ण कर दण्डी स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी को पश्चिमाम्नाय द्वारकाशारदापीठ पर शङ्कराचार्य के रूप में अभिषिक्त करवाया अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामण्डेलेश्वर बनाना हुआ, तो नरसिंहपुर के बालक ब्रह्मर्षि रामकृष्णानन्द जी को चुना और अपना निजी सचिव नरसिंहपुर के ही बालक ब्रह्मचारी श्री सुबुद्धानन्दजी को बनाया इतना ही नहीं उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में जन्मे और गुजरात में परम पूज्य गुरुदेव की शरण में आये चालक जहाँ उनके सभी शिष्यों, जगदुरु शङ्कराचार्य द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में भव्य दिव्य गुरु मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है,नरसिंहपुर जिले को कृतार्थ व गौरव प्रदान करने वाले परमपूज्य नुरुदेव भगवान का जन्म शताब्दी समारोह हम कृतज्ञ नरसिंहपुर वासी ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वतीजी महाराज की सत्प्रेरणा से “नरसिंहपुर मङ्गलम् “कार्यक्रम के माध्यम से मनाने जा रहे हैं,जिसमें सम्पूर्ण जिले के प्रत्येक ग्राम में परमपूज्य महाराज श्री के जन्मोत्सव भाद्र शुक्ल तृतीया (तीजा) आगामी १८ सितम्बर २०२३ सोमवार को ग्राम वासियों द्वारा अपने ग्राम के देवस्थान या सार्वजनिक स्थल पर ध्वजारोहण (फहराना) करने का शुभ सङ्कल्प लिया हैआप सभी गुरु भक्तों एवं सनातनी धर्मावलंबियों से सहयोग का अनुरोध करते हैं,

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