राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी हमारे गहोई समाज के गौरव और हम सबके प्रेरणा स्रोत हैं डॉ. संदीप सरावगी।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की 136वीं. जयंती के अवसर पर डॉ.
संदीप सरावगी ने अपनी संस्था संघर्ष सेवा समिति के तत्वाधान में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त पार्क मैं पहुंच कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती धूमधाम से मनाई उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि
हरे भरे हैं खेत सुहाने
फल फूलों से युक्त वन उपवन
तेरे अंदर भरा हुआ है
खनिजों का कितना व्यापक धन
मुक्त हस्त तो बांट रही है
सुख संपत्ति धन धाम
मातृभूमि तुमको शत-शत बार प्रणाम।
बुंदेलखंड की धारा में अनेक वीरों ने जन्म लिया ऋषियों ने अपने तप से और हर युग में प्रभु ने इस धरा पर अपनी लीलाएं दिखाएं इस धरा में अनेक महान कवियों ने भी जन्म लिया और इस धरा से महान हॉकी के जादूगर दद्दा ध्यानचंद जैसे खिलाड़ियों ने नाम रोशन किया ऐसी भूमि में जन्मे महान कवि गहोई वंश के लिए प्रेरणा स्रोत मैथिलीशरण गुप्त जी के चरणों में वंदन अभिनंदन करता हूं हमारे आदर्श हमारे प्रेरणा स्रोत गहोई वंश के गौरव के पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहा हू मैं पुनः उनके चरणों में उनकी जयंती के अवसर पर शत शत नमन वंदन अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति के धर्मेंद्र खटीक,साकेत गुप्ता,सुशांत गेड़ा,बसंत गुप्ता,राजू सेन,विशाल पिपरिया, विकास पिपरिया,राकेश अहिरवार श्याम झाँ,भरत सिंह यादव,शशीकांत निगम,आशीष मिश्रा,समीर खान संजय त्रिपाठी,एच पी पटेल,महेंद्र भदौरिया,महेंद्र राकवार,विक्की धानुक, संदीप नामदेव आदि उपस्थित रहे।