आत्म शुद्धि के लिए 11 किसानों का प्रतिनिधिमंडल किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में उपवास पर रहे। इसके संबंध में मुख्यमंत्री राजस्थान को पत्र प्रेषित किया जा चुका है । यह उपवास 18 जुलाई को किसानों के विधानसभा घेराव के परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री निर्देशों के उपरांत भी कृषि मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा शिष्टमंडल से वार्ता करने से पीछे हटने के कारण किया जाएगा । किसानों को प्रशासन द्वारा श्री लालचंद कटारिया से वार्ता के लिए विधानसभा ले जाया गया था, वहां 2 घंटे प्रतीक्षा कराने के उपरांत श्री कटारिया द्वारा वार्ता से मना कर दिया गया । इससे किसान नाखुश एवं खिन्न हुए । उनके मन में रोष उत्पन्न हुआ और शासन कर्ताओं के प्रति कटुता के भाव आए । मनो में विकार उत्पन्न हुआ, उसी को दृष्टिगत रखते हुए आत्म शुद्धि के लिए उपवास का कार्यक्रम रखा गया। कटारिया ने वार्ता से पीछे हटने का कारण ज्ञापन में उल्लेखित अधिकांश विषय सहकारिता विभाग से संबंधित होना बताया । जबकि ‘फसल को दाम’ सम्बंधी विषय कृषि विभाग के है, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में कृषि उपज मंडी अधिनियम एवं नियमो में संशोधन होना है । वहीं किसानों द्वारा अनुज्ञाधारी व्यापारी को अपनी उपज बेचने के उपरांत भुगतान नहीं करने पर वह राशि मंडी समिति द्वारा किसानों को भुगतान की जाकर उसकी वसूली व्यापारियों से करने का दायित्व मंडी समिति को सौंपने के संबंध में कानून बनाना है । मंत्रीमंडल के सदस्य को सभी विषयों पर वार्ता का अधिकार क्षेत्र हैं, फिर मुख्यमंत्री द्वारा वार्ता के लिए नियुक्ति का अर्थ सरकार के आधार पर कार्य करना है । श्री कटारिया को केंद्र एवं राज्य में शासन चलाने का अनुभव होने से वे इन तथ्यों से अनभिज्ञ नही है , उन्होंने जानबूझकर ही इस प्रकार के निराधार तथा अयुक्तिसंगत कारणों का सहारा लेकर वार्ता से पीछे हटने का काम किया हैं । उपवास में उपस्थित पदाधिकारी गण – नन्द लाल मीना,बलदेव महरिया, लक्ष्मी नारायण मीणा ,रामधन गुर्जर, रामस्वरूप जाट, ज्ञान चंद मीणा, पिंटू यादव ,रामेश्वर चौधरी, बत्ती लाल बैरवा, रामकरण जाट, नवरत्न जाट ,रामलाल जाट प्रो. गोपाल मोदानी, भंवर लाल सारण, रामस्वरूप , बजरंग लाल जाट,रतन लाल घासल, प्रहलाद जाट आदि।
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