एक ओर जहां सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है तो वही आदिवासी समाज आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है जुन्नारदेव विकासखंड से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी स्थित ग्राम पंचायत राखीकोल के ग्राम बर्रा ढाना आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों को स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र एवं प्रसूति महिलाओं को भी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना होता है स्वास्थ्य विभाग की 108 एवं जननी सुरक्षा एक्सप्रेस का भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पाता है पूर्व में इस नदी पर दुर्घटना हुई है । ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा कई बार सर्वे भी कराए जा चुके हैं । वही आज देखने को मिला एक ग्रामीण का स्वास्थ्य अत्यधिक खराब होने के कारण ग्रामीणों द्वारा 108 पर फोन कर सूचना दी गई परंतु नदी में पानी ज्यादा होने के कारण 108 उक्त गांव में पहुंच नहीं पाई जहां पर ग्रामीणों ने मिलकर जान जोखिम में डालकर मरीज को नदी पार कराया । ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन ऐसी स्थिति निर्मित होती रहती है पूर्व में भी विकास यात्रा के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी ग्रामीणों ने समस्याओं को अवगत कराया परंतु कोई भी अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया जहां जुन्नारदेव जनपद के द्वारा एक पंचायत में कई पुलियो एवं रिपटो के निर्माण जोरों पर हो रहे हैं वही ग्राम पंचायत राखीकोल बर्राढ़ाना के ग्रामीण जन मात्र एक रिपटे के लिए तरस रहे है।
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