चातुर्मास्य व्रत उत्सव में पूज्यपाद अनंत श्री विभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज श्री का भव्य दिव्य प्रवचन पंडाल में पदार्पण ! आज से परमहंसी गंगा में बहेगी ज्ञान की गंगा – जो भी भक्तजन इस ज्ञान गंगा में गोता लगाना चाहे वह नित्य प्रति परमहंसी गंगा आश्रम ज्योतेश्वर में प्राचीन ज्योतिरीश्वर मंदिर मेला प्रागण में नित्य प्रति 3 बजे से 6 बजे तक यहाँ आ कर अपने इस बहुमूल्य मानव जीवन को कृतार्थ कर सकता है। सर्वप्रथम पूज्य महाराज श्री के द्वारा ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी माहराजश्री का पूजन कर वैदिक विद्वानों के द्वारा मंगलाचरण एवं जगद्गुरुकुलम के बटुकों के द्वारा शुक्लयजुर्वेद का पाठ कर मंच का शुभारंभ हुआ ! आयोजन समिति के सदस्यों के द्वारा पादुका पूजन की गई । तत्पश्चात् पूज्यपाद ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरान्द: सरस्वती जी महाराज श्री ने अपने मुखारविंद से श्रीमद् भागवत महापुराण के माहात्म्य की कथा एवं भक्ति चरित्र श्रवण कराया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यान्द ,ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप, देवी शारदाम्ब, देवी पूर्णाम्बा, अमरीशानंद सरवाती , आचार्य पंडित रविशंकर द्विवेदी, आचार्य पंडित राजेन्द्र शास्त्री, आचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री, रघुवीर शास्त्री, सुंदर पाण्डे, के.के. द्विवेदी, पंडित सोहन शास्त्री, अरविंद मिश्रा, बद्री प्रसाद चोकसे, नारायण गुप्ता आदि उपस्थित रहे !
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