पिपरिया – ABVP ने प्राइवेट स्कूलो मैं चल रही मनमानी के विरोध में SDM कार्यालय घेराव किया

ABVP ने प्राइवेट स्कूलो मैं चल रही मनमानी के विरोध में SDM कार्यालय घेराव किया पिपरिया में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्राइवेट स्कूलो मैं चल रही मनमानी एवं भारी अनियमितताओ , व्यापारीकरण चल रहा है ऐसे स्कूल जहां 2500 से जादा संख्या में बच्चे स्कूल में पड़ रहे है लेकिन शासकीय गाइडलाइन के अनुसार कोई भी स्कूल में न खेल ग्राउंड है न खेल शिक्षक है l न पार्किंग की व्यवस्था है l न ही बच्चो की सुरक्षा के लिए गेट पर गार्ड है l पूरे क्षेत्र के सभी प्राइवेट स्कूल अपनी मन मानी चला रहे और फ़ीस दिन रात बड़ती जा रही लेकिन शिक्षा सही ढंग से नहीं दे पा रहे हैं शिक्षा के नाम पर व्यापारीकरण मचा के रखा है विद्यार्थी परिषद ने 17 सूत्र समस्याओं के विरोध में SDM कार्यालय घेराब कर ज्ञापन दिया है परिषद ने चेतावनी दी है मांगे 15 दिनो में पूर्ण नहीं होती है तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा जिसकी समस्त जबाबदारी विद्यालय प्रबंधक एवं प्रशासन की रहेगी। इस दौरान विभाग संगठन मंत्री शालिनी वर्मा , विभाग संयोजक रूपेंद्र ( मन्नू )साहू , ज़िला संयोजक देवा रूसिया , प्रांत (एसएफडी)सह संयोजक छोटे साहब पटेल , सचिन गगले, पीयूस गोस्वामी समस्त छात्र सक्ति उपस्थित रही। 1 ) सभी CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में NCERT की पुस्तक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें निगम की पुस्तके संचालित होना चाहिए ताकि अभिभावको पर आर्थिक भार ना आवे सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 जारी कर 2) विद्यार्थियों के लिए कक्षाबार पुस्तको का वजन निर्धारित होना चाहिए तथा हर स्कूल के नोटिस बोर्ड पर कक्षा कक्ष में बैग के वजन का चार्ट प्रदर्शित होना चाहिए अशासकीय विद्यालयों द्वारा नियमानुसार ही शुल्क लिया जाये एवं विद्यालयों द्वारा अन्य 3)एक्टिवी के नाम से कोई भी शुल्क नहीं लिया जावे जैसे कोचिंग क्लासेस आदिविद्यालयों में B.Edएवं B.P.Ed योग्यता रखने वाले शिक्षक अनिवार्य रूप से होना चाहिए 4)सभी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैम्प की सुविधा अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 6. सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में छात्राओं हेतु सेनेटरी पैड मशीन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 7. सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से सी.सी.टी.वी. कैमरे एवं बाउन्ड्रीवाल अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 8.विद्यालयों में खेल मैदान अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 9. अध्ययनरत् संस्था में अगली कक्षा में जाने पर विद्यार्थी से अतिरिक्त शुल्क ना लिया जावे। 10. विद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के लिए निर्धारित की जाने वाली यूनिफार्म पाँच वर्षो तक बदली ना जाये, जिससे अभिभावको पर आर्थिक भार न आये। 11.सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टिकोण से अग्नि शामक यंत्रो की व्यवस्था सुचारू रूप से होना चाहिए। 12.यातायात के लिए विद्यालयों द्वारा संचालित की जा रही बसो में रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम (जी.पी.एस.), सी.सी.टी.वी. कैमरा अनिवार्य रूप से हो। 14 प्रत्येक विद्यालय प्रबंधन, प्रत्येक स्कूल बस में एक महिला सहायिका नियुक्त की जावे। स्कूल बसो का फिटनेस अनिवार्य रूप से हो और लायसेंसधारी ड्रायवर की बस संचालित करें। 15. प्रत्येक शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय, प्रायोगिक शालाएं. कम्प्यूटर लैब अनिवार्य रूप से होना चाहिए। 16.प्रत्येक शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में शिक्षको का भी ड्रेसकोड होना चाहिए या शिक्षको की आईडेंटिटी होना चाहिए। 17. प्रत्येक शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टिकोण से गेटकीपर अनिवार्य रूप से होना चाहिए।*

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