वेस्टइंडीज की टीम भारत में होने वाली आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई। शनिवार 1 जुलाई को हरारे में खेले गए वर्ल्ड कप क्वालीफायर के एक महत्वपूर्ण मुकाबले में वेस्टइंडीज को स्कॉटलैंड ने 7 विकेट से हरा दिया। मुकाबले में वेस्टइंडीज ने स्कॉटिश टीम को सिर्फ 182 रनों का टारगेट दिया था, जिसे उसने आसानी से हासिल कर लिया। यह पहली बार होगा जब 2 बार की चैंपियन वेस्टइंडीज वनडे वर्ल्ड कप में भाग नहीं लेगी। इससे पहले वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप के सभी 12 संस्करणों में भाग लिया था। 1975 और 1979 के वर्ल्ड कप में तू वेस्टइंडीज की टीम चैंपियन भी बनी थी। वहीं 1983 के संस्करण में भी उसने फाइनल का सफर तय किया। इस बार क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के दौरान वेस्टइंडीज टीम की तरह नहीं दिखी जो विश्वकप में जाने के लिए बेताब हो। क्वालीफायर के पांचों ही मैच में शाई होप की कप्तानी वाली टीम का मनोबल गिरा हुआ दिखा। वेस्टइंडीज के खराब प्रदर्शन के पीछे काफी सारी वजहें रही। *इंजरी और अजीब रणनीति। शुरुआती तीन मैचों में वेस्टइंडीज ने जॉनसन चार्ल्स को नंबर तीन पर बल्लेबाजी कराई जो एक विशेषज्ञ ओपनर बल्लेबाज है। *फील्डिंग में दमखम नहीं। वेस्टइंडीज टीम की फील्डिंग काफी खराब रही। यूएस के खिलाफ शुरुआती मैच में गजानंद सिंह को जीरो के स्कोर पर जीवनदान मिला और उन्होंने नाबाद 101 रन बना दिए। जिंबाब्वे के खिलाफ मैच में तो चार कैच ड्रॉप किए ,जो काफी भारी पड़ा। *तैयारियों में कमी। वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप क्वालीफायर की तैयारी के लिए संयुक्त अरब अमीरात में मेजबान टीम के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला खेली। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि उस वनडे सीरीज के लिए छह खिलाड़ियों काइल मेयर्स,जेसन होल्डर, रोवमैन पॉवेल,अल्जारी जोसेफ ,रोमारियो शेफर्ड और अकील हुसैन को रेस्ट दिया गया था। यह सभी प्लेयर्स बिना किसी तैयारी के सीधे वर्ल्ड कप क्वालीफायर खेलने जिंबाब्वे गए। *होल्डर से सुपर ओवर में बॉलिंग। नीदरलैंड के खिलाफ वेस्टइंडीज का मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद सुपर ओवर का सहारा लिया गया था, जिसमें वेस्टइंडीज को हार का सामना करना पड़ा।
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