जतारा – मुनि सानिध्य भाग्य से मिलता है पर चातुमार्स परम सौभाग्य से मिलता है

जतारा – मुनि सानिध्य भाग्य से मिलता है पर चातुमार्स परम सौभाग्य से मिलता है

प्रथमाचार्य गणाचार्य गुरूदेव आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महराज के परम प्रभावक शिष्य जतारा नगर के गौरव श्रवण आचार्य विमर्श सागर महाराज महामुनी राज् ससंघ विराजमान वर्ष 2023 का मंगल चतुर्मास गुरुवर की जन्म नगरी जतारा को प्राप्त होने जा रहा है चतुर्मास कलश स्थापना के पूर्व नगर जतारा के पत्रकार गण पूज्य आचार्य विमर्श सागर जी महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे पत्रकारों ने महाराज जी से चतुर्मास के बारे में पूछा एवं जीवन है पानी की बूंद कब मिट जाए रे महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा कहां से प्राप्त हुई इसका उत्तर सरल स्वभाव से सभी पत्रकारों को दिया एवं उन्होंने इसी रचना को लेकर जहां कहीं इस काव्य की लाइन सुनाते हैं तो नया छंद उसमें अलग से जोड़ दिया जाता है और सभी पत्रकारों के सामने एक नए छंद को सभी पत्रकारों को सुनाया जतारा जैन संगठन के अध्यक्ष एवं जैन समाज के उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन एवं पवन कुमार मोदी ने बताया वर्ष 2023 को जतारा नगर गौरव जैन संत आचार्य श्री विमर्श सागर जी महाराज का चतुर्मास जन्मस्थली नगर में होने जा रहा है इस शुभ समाचार से मात्र जैन समाज ही नहीं बल्कि समस्त नगरवासी मे भी हर्ष उमंग की लहर दिखाई दे रही है।।

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