कैमूर – सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस प्रशासन साथ में ले गई जेसीबी मशीन पर चढ़ी महिला …

कैमूर – सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस प्रशासन साथ में ले गई जेसीबी मशीन पर चढ़ी महिला …

कैमूर जिले के मोहनिया थाना क्षेत्र के जिगनी गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा।मिली जानकारी के मुताबिक अतिक्रमण हटाने के लिए डॉक्टर कन्हैया पांडे द्वारा परिवाद दायर किया गया उस परिवार के आलोक में जिगनी गांव पहुंचे अंचलाधिकारी पुलिस बल के साथ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किए अतिक्रमणकारियों पर पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कर दिया । इस दौरान चिलचिलाती धूप में करीब एक घंटे तक ग्रामीणों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक होती रही। हंगामा कर रहे महिलाएं महिला पुलिस और महिलाओं में काफी देर तक नोकझोंक चलती रही। कुछ महिला जेसीबी मशीन के ऊपर भी चढ़ गई महिलाओं का कहना है कि यहां दर्जनों घर बिहार सरकार की जमीन पर बने हुए हैं लेकिन केवल दो घरों को ही तोड़ा जा रहा है हम लोग भूमिहीन हैं हम लोग सर से हाथ जोड़कर समय मांगते रहे लेकिन सर नहीं सुने और बोलो जोरों से घर गिरा कर सारा सामान बर्बाद कर दिए। महिला पुलिस ने घसीट घसीट कर गाड़ी में बैठाने लगी जिससे हम लोग घायल हो गए इलाज कराने अनुमंडल अस्पताल मोहनिया आए हुए हैं इस दौरान लगभग आधा दर्जन महिला घायल हो गई घायलों में सोना कुमारी रीता देवी सुशीला देवी रंजू देवी रिंकू देवी सहित अन्य लोग शामिल हैं। महिलाओं को हटाती रही पुलिस लेकिन महिलाओं के विरोध का सामना पुलिस पदाधिकारियों को करना पड़ा महिलाओं ने जेसीबी पर चढ़कर तो उसके सामने लेट कर विरोध किया उन्हें वहां से हटाने में महिला पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए जैसे ही जेसीबी अतिक्रमण किए गए मकानों को तोड़ने के लिए आगे बढ़ा वैसे ही कुछ महिलाएं जेसीबी पर चढ़ गई तो कुछ जेसीबी के सामने लेट गई घंटों मशक्कत के बाद महिलाओं को किनारे कर प्रशासन ने अतिक्रमण किए जो मकानों को तोड़ दिया इस संबंध में जानकारी देते हुए मोहनिया अंचलाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय लोक निवारण पदाधिकारी के पास परिवाद दायर किया गया था उस आदेश का पालन कर रहे हैं साथ ही डॉक्टर कन्हैया पाण्डे के द्वारा अतिक्रमण किए हुए लोगों पर उच्च न्यायालय में भी परिवाद दायर किया गया है लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के आलोक में दो मकानों को तोड़ा गया है ।जहां महिलाओं ने विरोध किया था किसी के ऊपर लाठीचार्ज और मारपीट नहीं की गई है थोड़ा महिलाओं ने इसका विरोध किया फिर सब को समझा-बुझाकर अतिक्रमण को हटा दिया गया।

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