विदिशा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मुखर्जी नगर सेवा केंद्र द्वारा मां वेतवा तट पर जल जन अभियान के तहत, स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिकता, विकास और अंतरिक्ष में बस्तियों को बसाने का सपना देखने वाला मनुष्य एक बहुत बड़ी भूल कर रहा है। यदि उसने जल के संरक्षण पर तुरन्त ध्यान नहीं दिया, तो इस धरती से ही उसकी बस्तियां उजड़ जाएंगी और वह केवल इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जायेगा। अतः स्वच्छ पेयजल का संकट इस धरती पर मानव के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा संकट है। इसके समाधान के लिए व्यक्तियों, संस्थाओं और सरकारों को तुरन्त ध्यान देने की आवश्यकता है। नदियों और परम्परागत जल स्रोतों के क्षेत्रफल का निरन्तर घटता हुआ आकार मनुष्य के भविष्य पर आपदाओं के क्रूर प्रहार के रूप में दिखाई दे रहा है। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जल ही अमृत है जो हमें जीवन शक्ति और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान कर क्रियाशील बनाता है। मनुष्य अपनी लोभवत्ति के कारण जल के प्राकृतिक और परम्परागत स्रोतों को नष्ट कर रहा है। जिसके कारण स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता वर्तमान समय में एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। वैज्ञानिक तकनीक और विधियों से प्राप्त हो रहा पेयजल कभी भी शुद्ध एवं प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले पेयजल का विकल्प नहीं हो सकता है। मनुष्य के सुस्वास्थ्य, प्रगति और समृद्धि के लिए जल संरक्षण अति आवश्यक है। जल संरक्षण के लिए लोगों में विशेष जागरूकता उत्पन्न करने में राजयोग एवं अध्यात्म की विशेष भूमिका है। जल की पवित्रता और शुद्धता का भाव लोगों में उत्पन्न करने से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। लोगों में जल के प्रति आस्था का भाव उत्पन्न करके जल संरक्षण के प्रति उन्हें सहज ढंग से जागरूक बनाया जा सकता है। वरिष्ठ समाजसेवी अतुल शाह जी ने ब्रह्माकुमारीज कि भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि आपके प्रयास से मां वेतवा के स्वच्छता अभियान को गति मिलेगी हमें जल संरक्षण भी करना है नहीं तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ़ नहीं करेंगी। विजय कुमार श्रीवास्तव, राजाराम राजपूत, नंदनी बहन, अनीता बहन, दीपक दांगी, आदि,अधिक संख्या में भाई-बहन स्वच्छता अभियान में शामिल हुए।
Posted inMadhya Pradesh