उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। उत्तराखंड के कई बड़े शहरों के अलावा उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में भी अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्यवाही जारी है। किच्छा विधानसभा के हल्द्वानी मार्ग पर विगत दिनों प्रशासन द्वारा करीब 200 से अधिक दुकानों एवं मकानों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। विधानसभा अंतर्गत नगला, पंतनगर, आनंदपुर , लालपुर एवं किच्छा के मुख्य बाजार में प्रशासन द्वारा सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं और बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी जा रही है। जहां एक तरफ प्रशासन की कार्यवाही से अतिक्रमण की जद में आने वाले हजारों लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के कारण किच्छा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड 2 आजाद नगर क्षेत्र में खुलेआम सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कराया जा रहा है। अतिक्रमणकारियों के बुलंद हौसले का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि करीब 7 मीटर चौड़े नाले को पाटकर आधे नाले पर अवैध निर्माण कार्य जारी है । दबंगों द्वारा खुलेआम सिंचाई विभाग के नाले पर अतिक्रमण किए जाने से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां एक तरफ प्रशासन द्वारा करीब 40 – 50 वर्षों से काबिज गरीब एवं निर्धन लोगों को बेघर एवं बेरोजगार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ दबंगों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के लिए कौन जिम्मेदार है? । पूरा मामला इसीलिए भी दिलचस्प हो गया है कि इसी मामले को लेकर एक जागरूक नागरिक द्वारा प्रशासन को लिखित शिकायत कर करीब 40 दिन पूर्व अतिक्रमण को रोकने की मांग की गई। शिकायत किए जाने के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हैं और उनके द्वारा सिंचाई नहर की जमीन पर पक्का निर्माण कराकर खुलेआम प्रशासन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। मीडिया द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद किच्छा एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिलाया। एसडीएम मिश्रा ने कहा कि किसी कीमत पर भी सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने तुरंत सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से फोन पर बात कर मौका मुआयना करते हुए जांच एवं कार्यवाही के निर्देश दिए। आरोप है कि अवैध अतिक्रमण करने वाले दबंगों द्वारा कुछ भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत कर खुलेआम सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया जा रहा है।
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