औरंगाबाद – विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जिला जज ने नवनिर्मित जेल में किया वृक्षारोपण

गौतलब है कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा वन विभाग के सहयोग से वृहत एवं सघन वृक्षारोपन कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत प्रतिनियुक्त सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों के माध्यम से अपने-अपने अंचल प्रखण्ड तथा अन्यत्र स्थलो पर एक बृक्ष लगाने का मुहिम चलाया गया जिला जज श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी द्वारा स्वयं नवनिर्मित मंडल कारा में पीपल एवं बट वृक्षारोपण कर इस मुहिम का शुरुआत कर दिया है साथ ही मंडल कारा औरंगाबाद में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री पंकज कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री प्रणव शंकर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम श्री सुनील कुमार सिंह, तथा अन्य न्यायाधीशों ने वृक्षारोपण किया इस कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही जेल भ्रमण अधिवक्ता श्री महेश प्रसाद सिंह इत्यादि उपस्थित रहे कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी द्वारा कहा गया कि सभी लोग पौधे लगायें एवं अपने आस पास के लोगों को भी पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही उसके पूर्ण अस्तित्व में आने तक उसका देखभाल भी करें, जिससे कि लगाये गये पौधे विशाल स्वरूप धारण कर पर्यावरण संरक्षण का वाहक बनें। जिला जज ने कहा कि पर्यावरण और जीवन का अटूट सम्बन्ध है और पर्यावरण दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षरण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्य्कता है, और यह क्रम लगातार किया जाना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने वृक्ष लगाये हैं जिसके कारण हमारे आस-पास हरियाली दिखाई दे रहा है और हमें छाया प्रदान कर रहा है. इस कर्तव्य को पूरा करने का दायित्व प्रत्येक व्यक्ति के उपर हैं और प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण के संरक्षण का दायित्व सही से निभाये. साल-दर साल वर्षा का कम होना, भूजल स्तर कम होना और तापमान को बढ़ना आदि चींजें सीधे-सीधे इसी पर्यावरण से जुड़ा है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव, श्री प्रणव शंकर ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. इस बार सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों को भी यह दायित्व सौपा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें. जिससे कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आसपास का वातावरण स्वास्थ्यप्रद हो।

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