नई दिल्ली – यह इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए…..। चौका देंगे मोहब्बत में होने वाले कत्ल के…

आपको बता दें कि कायदे से मोहब्बत वह एहसास है जो हर दिल में रहता है वह जज्बा है जो कायनात के जर्रे जर्रे में बिखरता है और बस मोहब्बत की फितरत पर नफरत को भी मोहब्बत से नफरत है वह दौर अलग था जब मोहब्बत में जान देने की बात ही हुआ करती थी यह दौर अलग है जहां मोहब्बत खुद दिलों में खंजर उतार कर अपनी मोहब्बत की जान ले लेती है इस वक्त लगभग 140 करोड है हम इस 140 करोड़ की आबादी के बीच हर दिन हर महीने हर साल न जाने कितने ही जुर्म होते हैं हमारे देश में होने वाले जुर्म का वही खाता रखने वाली एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के सबसे ताजा 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इश्क में लोग अब जान नहीं देते जान ले लेते हैं जी हां एनसीआरबी के सबसे ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में जिन वजहों से सबसे ज्यादा कत्ल होते हैं उसमें लव अफेयर यानी इश्क में होने वाला तीसरे नंबर पर आता है देश में होने वाले हर 10 साल में एक कत्ल किसी न किसी आशिक या माशूक के हाथ से ही होता है।

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