वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह है और उसमें से चन्द्रमा को मन का कारक कहा गया है। चन्द्रमा की राशि कर्क जलतत्व है और स्वयं चंद्र भी जलतत्व कारक होकर मनुष्य की भावना का कारक है। शरीर में सबसे अधिक मात्रा जल की है इसलिए मन और बुद्धि दोनों चन्द्रमा से प्रभावित होती है। वैदिक ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार किसी कुंडली में अगर चन्द्रमा पाप कर्तरी योग में हो या पीड़ित हो तो जातक का मन कमजोर होता है और उसे जल्द मानसिक तनाव होता है। अमावस्या के करीब जाता हुआ चंद्र कमजोर माना गया है। कृष्ण पक्ष की दशमी से लेकर शुक्ल पक्ष के पंचम तिथि तक के चन्द्रमा के पास बल की कमी होती है इसलिए जातक को चन्द्रमा शुभ परिणाम नहीं दे पाता है। ज्योतिष के विद्वानों ने ऐसी स्थिति में कुछ उपाय भी बताए है जो निम्नलिखित है।
- सोमवार के दिन शुभ होरा में गायत्री यंत्र को पूजा घर में स्थापित करें और मोती की माला को गले में धारण करें।
2 – घर के सभी लोग पूर्व दिशा की ओर सिरहाना करने सोए और सोने से पहले कमरे में कर्पूर का एक छोटा सा टुकड़ा जला दे।
3 – जब आप सोने जा रहे है तो हनुमान जी का स्मरण कर हनुमान चालीसा बगल में रखें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के मंगल से शुरू करना है। 9 मंगलवार होते ही आपको असर दिखाई देगा।
4.रात को सोते समय चांदी के गिलास में पानी भरकर रख दे। फिर अगली सुबह उठकर उस पानी को गुलाब के पेड़ की जड़ में डाल दिजिये। इससे धीरे 2 आपका तनाव कम होगा।
5 – कच्चे दूध में चीनी मिलाकर जामुन के पेड़ की जड़ में डालें। यह उपाय आपको शुक्ल पक्ष से शनिवार से शुरू करना है और रोज करना है। इसके अलावा हर अमावस्या की शाम को मंदिर में खीर अर्पित करें। इससे आपको फायदा मिलेगा।