कोतवाल सत्येंद्र कुमार सिंह ने रात्रि में बुलाकर पत्रकारों को दी पार्टी, खूब की मौज मस्ती…

एंकर ,,,जनपद रामपुर के मिलक कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने दिनांक 20 जुलाई को धमोरा बाईपास स्थित नामी-गिरामी अपना पंजाब ढाबा पर डिनर के लिए पत्रकारों को रात में बुलाया जिसमें 10-12 पत्रकारों के अलावा मिलक कोतवाली के कस्बा इंचार्ज सुरेश चंद्र एवं सीओ मर्छाल साहब आदि शामिल हुए जिसपर पत्रकारों ने खूब मौज मस्ती कर विभिन्न प्रकार के खानों का स्वाद लिया समझ में नहीं आया कि कोतवाली प्रभारी महोदय को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी। यह एक ऐसा विषय है इस पर मनन किया जा सकता है। जब कोतवाली प्रभारी से पूछा गया यह किस विषय में यह दावत दी जा रही है क्या कोतवाली मिलक में होने वाले अपराधो को छिपाने हेतु पत्रकारों की चापलूसी की जा रही है या फिर इसका कोई और मतलब है तो उन्होंने उत्तर दिया यह एक शिष्टाचार भेंट है इसमें परिचय भी एक दूसरे का होता है एक 84 वर्ष प॑जाब केसरी के पत्रकार सुरेश गुप्ता ने कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह से फोन पर इस विषय में जानकारी चाही तो पहले तो उन्होंने उनको पहचानने से साफ इंकार कर दिया
जब उन्होंने अपना फिर से परिचय दिया तो उन्होंने कहा बताइए उन्होंने कोतवाल से सवाल किया कि इस दावत का क्या तात्पर्य है उन्होंने कहा यह शिष्टाचार भेंट है इस पर जब सुरेश गुप्ता ने सवाल किया शिष्टाचार भेंट तो जब कोई अधिकारी कार्यभार संभालता है तभी शिष्टाचार के लिए बुलाया जाता है । आपको आए हुए वा कार्यभार ग्रहण किए हुए लगभग एक साल होने जा रहे हैं जबकि कोतवाली में सारे पत्रकार डेरा डाले रहते है। इस पर शिष्टाचार भेंट ना होना आश्चर्य का विषय है। इस पर पत्रकार ने सवाल पूछा कहीं ऐसा तो नहीं कि मिलक में हो रहे अपराधों पर पर्दा डालने की नियत से आपने पत्रकारों को दावत का निम॑त्रण देकर उन्हें खरीदने की कोशिश की इस पर कोतवाल आग बबूला हो गए फिर कोतवाली प्रभारी ने तल्ख लहजे में पूछा कि आप कौन साहब बोल रहे हैं पत्रकार ने कहा कि मैंने आपको अपना परिचय दो बार दे दिया है अफसोस तो यह है आप तीसरी बार मेरा परिचय जानना चाहते हैं। मैं आपको बताता हूं मैं पंजाब केसरी का 84वर्षिय वरिष्ठ पत्रकार हूं । समझ मैं नहीं आता कि कोतवाली प्रभारी मिलक का पत्रकारों को किसी अच्छे होटल में दावत देना क्या मायने रखता है इसको हमारे जिले के आला पुलिस अधिकारी भली-भांति समझते होंगे। या फिर जांच कराकर किसी निर्णय पर पहुंचेंगे। मजे की बात यह है किसी भी पत्रकार ने इसकी वीडियो या पिक्चर नहीं बनाई‌। शायद कोतवाली प्रभारी ने वीडीयो बनाने पर सख्त पाबंदी लगा रखी थी। वैसे तो होटल में भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन हो सकता है कोतवाली प्रभारी ने गुप्त डिनर को गुप्त रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिऐ हों ताकि गुप्त यह दावत जनता एवं अधिकारियों की नजर में ना आए। उम्मीद है के जिले के पुलिस अधिकारी निष्पक्ष रुप से जांच कराकर इस राज का पर्दाफाश करने की कृपा करेंगे

ऑडियो: मिलक स्पेक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह

राजीव कुमार की रिपोर्ट

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