सनावद – लो वोल्टेज के कारण पंप से प्रेशर के साथ नहीं आ रहा पानी, कृषि पंप चालू करने की कोशिश…

बेडिया -बिजली को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों मे है। जहां बिजली कटौती व बार-बार खराबी आने से लोगों में आक्रोश है। बिजली समस्या का असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली बंद होने से कृषि पंप व बोर से पानी नही मिल रहा। इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस सबके बाद भी अिधकारी मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है। जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन नदी व नहर है। इसके अलावा कृषि पंप व बोर से भी आवश्यकता अनुसार सिंचाई कार्य किया जाता है। लेकिन यहां के कई गांव में बिजली कटौती, लाइन फाल्ट आने व लो वोल्टेज की समस्या के कारण कृषि पंपो क नियमित रूप से संचालन नही हो पा रहा है। किसानों ने बताया की 8 से 10 रोज हो गया है लेकिन लाइट बंद है और हमारी काकडे की फसल जल रही है। इसका जिम्मेदार कोन रहेगा। 40 से 50 किसानों ने बेड़ियां विद्युत केंद्र पर किया घेराव आसपास के ग्रामों के 40 से 50 किसानों ने बेड़ियां विद्युत केंद्र पर किया घेराव ग्राम डूडगांव, भूलगांव, निमखेड़ी, नीलकंठ, सिकंदरखेड़ी, बहादरपुरा, और चिचगोंन गांव के किसानों ने के कनिष्ठ यंत्री जय परमानदानी को घेरा। किसानों की पीड़ा है की खेतो की लाइन बंद करने का समय निर्धारित नही और ऊपर से विद्युत कर्मी और कनिष्ठ यंत्री को फोन करने पर नंबर कर दिए है ब्लेक लिस्ट। बिजली विभाग के कर्मचारीयो ने ग्रामीणों के मोबाइल नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। ताकि किसान बार बार परेशान ना करे। जब ग्रामीणों ने बेडिया विद्युत विभाग के कनिष्ठयंत्री जय परमानदानी को पूछा की आपके लाइनमेन मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते हैं तो उनका क्या होगा। तो उन्हें जवाब दिया कि अगर ऐसा करेंगे तो उनको नोकरी से निकाल देंगे। तो किसान प्रेमलाल पठान और मोहन शाह, संजय पटेल ने बताया कि सर अपने ने भी हमारे मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया, उसका क्या करे तो अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया और कार्यालय से भर चले गए जब किसानो ने रोका तो बोले में आज छुट्टी पर हु फिर भी में काम कर रहा हूं। इस दौरान श्रीराम भटानिया, संजय पटवारिया, देवेंद्र भटानिया, अरविंद, मुन्ना भाई, प्रदीप बिरला, सुरेंद्र भटानिया, प्रेमलाल गुर्जर, रोहित पठान, जितेंद्रपुनासिया, संदीप पठान, शुभम पटवारिया और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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