आज जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के रघुनंदन भवन में एक परिसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका विषय था मौलिक अधिकार एवं मानवीय मूल्य, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में निखिल कुमार सह पुर्व राज्यपाल नागालैंड उपस्थित थे , वही इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने किया और कार्यक्रम की संचालन अधिवक्ता प्रमेन्द्रर मिश्रा ने किया , निखिल कुमार ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि आज की परिवेश में हम सभी को संविधान के सुरक्षा के प्रति जागरूक और जवाबदेह होने की आवश्यकता है, संविधान प्रदत्त जो मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य है उसे समाज के हर वर्ग में अधिक से अधिक प्रचारित करने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसा न करने पर संविधान ख़तरे में पड़ सकती है, संविधान निर्माताओं ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना को मौलिक अधिकार से जोड़ा है, स्वतंत्रता आंदोलन जो पुरे भारत में गांघी जी के नेतृत्व में सत्य एवं अहिंसा के हथियार से लड़ा गया था जिसके फल स्वरूप समस्त भारतीयो को आकांक्षा के प्रतिफल मौलिक अधिकार संविधान में निहित किया गया था ,उसी में मानव मूल्य निहित है, अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, हमें संविधान निर्माताओं का मान सम्मान और आर्दश को हर हाल में रक्षा करना चाहिए ,निखिल कुमार ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में बुलाने के लिए आभार व्यक्त करते हैं और केन्द्रीय कक्ष को और बेहतर बनाये, सौंदर्यकरण में जो मदद चाहिए हम देने को तैयार हैं, कार्यक्रम के अंत उन्होंने एक कविता बोलकर किया है आग लगी जिस वृक्ष में,जले फूल और पात,तुम क्यों बैठी पक्षियां,पंख तुम्हारे पास, उनका कहने का तातपर्य यह था कि हर लोगो को अपनी संविधानिक अधिकार को जानना चाहिए क्योंकि भारत में संविधान ही लोगों को मौलिक अधिकार देती है जिसकी जानकारी हर लोगों को होना चाहिय , वही इस अवसर पर दर्जनों अधिवक्ता इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया , वरीय अधिवक्ता कुमार योगेन्द्र नारायण सिंह, पप्पू सिंह, अमित कुमार, संजय कुमार सिंह, कामता प्रसाद सिंह, नागेश्वर सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, अकमल हसन,अनील कुमार सिंह, रामपुकार सिंह, सतीश कुमार स्नेही,एव्म दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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