सौसर – स्वावैछिक सेवानिवृत्त पर रेमंड कर्मचारी विजय बोरीकर को शाल श्रीफल भेंट देकर भावभीनी विदाई..

लंबे अर्से से अपनी सेवाएं देने के बाद औद्योगिक क्षेत्र के रेमंड कंपनी विविंग विभाग में कार्यरत विजय बोरीकर को उनके गृह ग्राम में पहुंचकर सेवानिवृत्ति होने पर शाल, श्रीफल, पुष्प माला पहनाकर इष्ट मित्र साथी कर्मचारी ने नम आंखों से विदाई दी एवं उनके सुखद एवं उज्जवल भविष्य की कामना की। वही विदाई समारोह में इष्ट मित्रों सहपाठियों ने फूल माला पहनाकर गले मिलकर उनके गृह ग्राम मे भव्य स्वागत सत्कार कर विदाई समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस दौरान विजय बोरीकर ने नम आंखों से अपने दो शब्दों में सभी इष्टमित्र को भावुक कर दिए। उन्होंने कहा कि हालाँकि अब हमारे रास्ते अलग-अलग होने जा रहे है पर मैं आप सभी से यह गुज़ारिश करता हूँ की आपसी मेलजोल यूँ ही बनाए रखे। मैं स्वैच्छिक रिटायरमेंट के बाद की मेरी जिंदगी को एक तरह से अवकाश की स्थिति की तरह मान रहा हूँ और आशा करता हूँ की आप मुझे मेरे अवकाश के दौरान नहीं भुलाएंगे। इस यात्रा का एक हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। आप सब मुझे बहुत याद आओगे। आपके द्वारा मेरे लिए इस तरह के महान शब्द सुनने के लिए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। ईश्वर की कृपा आप पर यूँ ही बनी रहे। अलविदा। इस मौके पर डिपार्टमेंट के साथी कर्मचारी उपस्थित थे।सौर से भीमसेन धनतोले के साथ चेतन साहू की रिपोर्ट स्वावैछिक सेवानिवृत्त पर रेमंड कर्मचारी विजय बोरीकर को शाल श्रीफल भेंट देकर भावभीनी विदाई दी लंबे अर्से से अपनी सेवाएं देने के बाद औद्योगिक क्षेत्र के रेमंड कंपनी विविंग विभाग में कार्यरत विजय बोरीकर को उनके गृह ग्राम में पहुंचकर सेवानिवृत्ति होने पर शाल, श्रीफल, पुष्प माला पहनाकर इष्ट मित्र साथी कर्मचारी ने नम आंखों से विदाई दी एवं उनके सुखद एवं उज्जवल भविष्य की कामना की। वही विदाई समारोह में इष्ट मित्रों सहपाठियों ने फूल माला पहनाकर गले मिलकर उनके गृह ग्राम मे भव्य स्वागत सत्कार कर विदाई समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस दौरान विजय बोरीकर ने नम आंखों से अपने दो शब्दों में सभी इष्टमित्र को भावुक कर दिए। उन्होंने कहा कि हालाँकि अब हमारे रास्ते अलग-अलग होने जा रहे है पर मैं आप सभी से यह गुज़ारिश करता हूँ की आपसी मेलजोल यूँ ही बनाए रखे। मैं स्वैच्छिक रिटायरमेंट के बाद की मेरी जिंदगी को एक तरह से अवकाश की स्थिति की तरह मान रहा हूँ और आशा करता हूँ की आप मुझे मेरे अवकाश के दौरान नहीं भुलाएंगे। इस यात्रा का एक हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। आप सब मुझे बहुत याद आओगे। आपके द्वारा मेरे लिए इस तरह के महान शब्द सुनने के लिए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। ईश्वर की कृपा आप पर यूँ ही बनी रहे। अलविदा। इस मौके पर डिपार्टमेंट के साथी कर्मचारी उपस्थित थे।

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