छिंदवाड़ा – 19 वर्षों के बाद हुआ आचार्य श्री 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज का छिंदवाड़ा आगमन

19 वर्षों के बाद हुआ आचार्य श्री 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज का छिंदवाड़ा आगमन आज प्रातः पिंडरई से बिहार करते हुए प्रातः 7:30 बजे आचार्य श्री पदम परिसर पहुंचे जहां श्री सकल दिगंबर जैन महासभा एवं सकल जैन समाज के सभी पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रावक महिला, पुरुष बच्चों ने महाराज श्री की मंगल आगमन की। वहां से शोभायात्रा पूर्वक अचार्य संघ चार फाटक गणेश चौक छोटी बाजार में रोड होकर गोलगंज पहुंच कर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कितना अच्छा लगता है कितना अच्छा लगता है वर्ष बाद अपनों से मिलकर अपनों के बीच में बैठना 19 वर्षों बाद आपकी और हमारे बीच में कितने लोग आ गए हैं जो तब चार-पांच-छह वर्षों के थे अब जवान 24 , 25 साल की हो गए और जो तब 17-18 सालों के से अब उनके 1, 2, 3 साल के बच्चे हो गए हैं यह परिवर्तन ही समाज का नियम है संसार का नियम है । जो चित्र लगाने में लगे रहते हैं वह संसार के चक्कर में फंस जाते है, संसार चक्की के समान है इसके दो पाट है, जो एक धुरी या कील के चारो तरफ घूमते है, इसमें जो जाता है पिस जाता है, पर जो कील से चिपका रहता है वह पिसने से बच जाता है, प्रभु या गुरु संसार चक्र में कील या धुरी के समान है जो गुरु से या प्रभु से जुड़ा रहता है वह इसमें फंसने से या पिसने से बच जाता है। कोई बालक अपने पिता की उंगली पकड़ कर चलता है तो भटक नही सकता, इसी प्रकार आप गुरु की उंगली पकड़ कर चलोगे तो संसार सागर में नही भटकोगे, पिता की उंगली छोड़ कर भटका बालक और पिता दोनो एक दूसरे को ढूंढते है, पर गुरु की उंगली छोड़ोगे और बिछड़ोगे तो तुमको गुरु को खोजना पड़ेगा, गुरु नही खोजेगा। गुरु का आशीर्वाद से तुम्हारा पेट और पेटी दोनो भरे रहते है, पेटी भरी रहेगी तभी तुम निश्चिन्त होकर यहां गुरु के पास बैठोगे, यही व्यवहार है, व्यवहार धर्म संसार मार्ग और मोक्ष मार्ग दोनो में जरूरी है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सकल जैन महासभा के महामंत्री पंकज पाटनी ने बताया की संत निवास विमद सागर भवन में आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी, मुनि श्री शांति तीर्थ जी मुनि श्री प्रिय तीर्थ जी, क्षुल्लक श्री पूज्य सागर जी के मंच पर विराज मान होने के उपरांत सकल दिगंबर जैन महासभा एवं सकल जैन समाज के पदाधिकारी ने श्रीफल भेंट कर आचार्य श्री से छिंदवाड़ा में अधिक से अधिक प्रवास करने का निवेदन किया, आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन करने का सौभाग्य श्री कैलाश , मनोज, नीरज ,पंकज , पुलकित पाटनी परिवार को मिला, आचार्य श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य बाबूलाल जी पाटोदी परिवार को मिला। मंगलाचरण नृत्य बहु बेटी मंडल द्वारा किया गया। इसके बाद पिंडरई से आचार्य संघ को छिंदवाड़ा तक लाने वाले श्री अमित सेठी, राजकुमार जैन, मंत्र जैन, सोनू शर्मा का स्वागत सम्मान किया गया, बाल ब्रह्मचारिणी कविता दीदी और सुनीता दीदी ने आचार्य श्री को सफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विहार में अपना योगदान देने वाले रूपल बाकलीवाल, पारुल बाकलीवाल, संतोष बाकलीवाल, सुरभि बाकलीवाल, आदित्य बज, अमन पाटनी , मनोज पाटनी, सविता पाटनी को आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी ने अपना विशेष आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर श्री एल सी जैन, प्रमोद पाटनी, अशोक वैद्य, रत्नेश जैन, सुजीत जैन, विशाल जैन, शैलेंद्र जैन, अभय जैन, अनिल बज, राजेश पाटनी, प्रफुल बाकलीवाल, बाबूलालजी पाटोदी, संतोष जी पाटनी, विनोद जैन मासाब, पंडित शरद बनारसी, पवन बाकलीवाल, राजेंद्र पाटोदी, अशोक बाकलीवाल, चंदू जैन, सचिन जैन, हैप्पी गोयल, राजकुमार जैन अरिहंत, अनिल गोयल, महेंद्र पाटोदी, अभय जैन पेटी, कमल पाटनी, जित्तू वैद्य, विजय गोयल, प्रभात गोयल, राजेंद्र बाकलीवाल, विजय किरण जैन, प्रीतेश जैन जैकी, विवेक गोयल, रोहित मोदी, अमूल कौशल, जितेंद्र जैन, अनिल जैन, विनय लुहाड़िया, विनोद लुहाड़िया मनोज बाकलीवाल, टोनू लुहाड़िया, शैलेश जैन, संजू चंदेरिया, सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष बच्चे उपस्थित थे। आचार्य श्री की धर्म सभा प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे संत निवास गोलगंज में होगी, तदउपरांत आहार चर्या, स्वाध्याय दोप 3:00 बजे और गुरुभक्ति, आनंद यात्रा सायं 7:00 बजे से होगी, श्री सकल दिगंबर जैन महासभा ने समाज के अभी वर्गो से उक्त कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।

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