औरंगाबाद – राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन, अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नए कीर्तिमान..

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में तथा अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया. जसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री संपूर्णानंद तिवारी, जिला पदाधिकारी श्री सुहर्ष भगत, पुलिस अधीक्षक श्रीमती स्वप्न जी मेश्राम, तथा प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर, ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया . इस उद्घाटन समारोह में सभी न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण अन्य विभागो के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। जिला जज ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सुलहनीय वादों के निस्तारण के लिए सुअवसर के रूप में आता है, और आपके सहयोग एवं प्रयास से आज अपने वादों से मुक्त होकर जाए . जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एक साथ ही कई मामलों का निस्तारण होता है जिसके निरंतरता हमेशा बनाये रखने की आवश्यकता है .वही अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निष्पादन में न किसी की जीत और न किसी की हार होती है . आज राष्ट्रीय लोक अदालत ने अपने ही कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया कृतिमान स्थापित किया है. आज राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सैकड़ो मामले का निष्पादन किया गया ,वही मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 05 वादों में कुल 36 लाख 40 हजार रूपये का समझौता कराया गया| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 12 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 389 वाद, एन आई एक्ट के 10, मामलों में 12.14 लाख का समझौता, टेलीफ़ोन के 03 मामलों में, माप तौल 01 इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 539 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 3.23 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल 1593 मामलों का निस्तारण करते हुए लगभग 3.72 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है| पिछला रिकॉर्ड 378 न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन था जो बढ़ कर 396 वादों का निष्पादन हुआ| लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 389 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद को निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संपूर्णानंद तिवारी, का मार्गदर्शन तथा सभी का सहियोग से ही संभव हुआ है इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद।

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