अगर हम दुनिया को बदलना चाहते हैं तो पहले हमें स्वयं को बदलना पड़ेगा अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है अगर हम खुद के गुणों को विकसित करने में समय लगाएंगे खुद को योग्य बना लेंगे तो अपने आप ही हमारी आत्मशक्ति जागृत हो जाएगी और हम अपने व्यक्तित्व से अपने विचारों से अपनी कार्यशैली से दुनिया को बदल सकते हैं यह उद्गार गायत्री परिवार की संगोष्ठी में गोमुख धाम टोकसर में इंदौर से पधारी विदुषी बहन प्रज्ञा पाराशर ने व्यक्त किए इस अवसर पर सनावद तहसील के 65 गांव के सभी सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित थे कार्यक्रम का प्रारंभ श्री जगदीश शाह ने संचालन के माध्यम से किया और भूतपूर्व विधायक जगदीश जी मोरानिया एवं पोरवाल दादा ने गुरुदेव माता जी और गायत्री माता का पूजन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया बाद में इंदौर से पधारी आदरणीय प्रज्ञा पाराशर दीदी ने कार्यकर्ताओं को अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए जीवन में उपासना, साधना और आराधना का महत्व बताते हुए उन्हें अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरणा प्रस्तुत की उन्होंने कहा कि मिशन में प्रचार आत्मक, संघर्ष आत्मक मोर्चों पर हमें विशेष रूप से काम करना है साथ ही उन्होंने कहा कि 21वि सदी नारी सदी है और बहने चाहे तो अपने परिवार को बदल सकती है अपने समाज को बदल सकती है इस अवसर पर उन्होंने गायत्री मंत्र की महिमा का वर्णन किया और सबसे कहा कि नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जप करें साथ ही साथ परम पूज्य गुरुदेव के लिखे हुए साहित्य का नित्य स्वाध्याय करें। घरों में किस प्रकार से नियमित साधना की जाए और किस प्रकार से मंडल चलाये जाए। यह भी उन्होंने विस्तार से बताया अंत में जिज्ञासु लोगों के प्रश्नों के जवाब भी उन्होंने दिए साथी सभी कार्यकर्ताओं के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई और अंत में सभी लोगों ने अपने व्यक्तित्व को परीष्कार करने के संकल्प लिए और अपने आस-पास के गांव में गायत्री परिवार के अभियानों को चलाने के लिए संकल्प लिया व्यक्तित्व का परिष्कार करने के संकल्प लिए इस अवसर पर सालकराम चौधरी,राजू बिरला भगवानदास बिरला, अनिल पाटिल, अनोखीलाल पटेलआदि गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजन उपस्थित थे।
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