आज बिहार सरकार द्वारा बिहार पुलिस को संसाधन युक्त बनाने का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहे है लेकिन वही बिहार सरकार अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त बता रही है ,जबकि हकीकत कुछ और ही बया कर रही है, आज हम बात कर रहे है बिहार सरकार की उन थानो की जो वाहनों की समस्या से जूझ रहे है . एक ऐसे ही नजारा औरंगाबाद के दाउदनगर बारुण पथ पर देखने को मिला ,जहाँ दाउदनगर थाना के वाहन को धक्का मार कर स्टार्ट कराया गया .सूत्रों के मुताविक दाउदनगर थाना का एक बोलेरो गश्ती लगा कर थाना वापस लौट रही थी .अचानक थाना से कुछ ही दूरी पर गाड़ी बंद हो गया, जिसे थाना के अंदर पहुंचाने के लिए जवानों को धक्का मारना पड़ा. सूत्रों के मुताविक इस थाने में ऐसा कई वाहन है जो जर्जर अवस्था से जूझ रहे है,जिसे बनवाने तथा बदलने की जरूरत है.वैसे,जिला के कई थाना क्षेत्र के पुलिस ऐसे ही वाहन से गश्ती करती है आपको बतादूँ की जिला में पुलिस से संबंधित अन्य आवश्यक कार्य तो जरूर पूरा होता हैं.लेकिन जब वाहनों की बात आती है तो आज भी वही खटारा वाहनों के माध्यम से 24 घंटे थाना के कार्य संचालित किया जा रहा है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया है ग्रामीणों ने बताया कि जो पुलिस बल स्वम की सुरक्षित नही कर सकती वह दूसरे को क्या सुरक्षा प्रदान कर सकती है , जिसको लेकर ग्रामीणों ने बिहार सरकार से पुलिसिया व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की मांग किया है,
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