*ब्रह्मधाम आसोतरा राजपुरोहित समाज की राजधानी हैं ब्रह्मधाम के बाद बारवा दुसरी गादी हैं जिसे नमनः है आखिर एक इतिहास रच डाला इतना धर्मप्रेमियों का सैलाब उमडेगा किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी लेकिन सत्य एवं तप की गादी में तेजस्व होता ही हैं आज प्रत्यक्ष रूप से श्री आत्मानंदजी की भव्य मूर्ति एवं मंदिर प्रतिष्ठा में देखने को मिला भारत के कोने कोने में बसा राजपुरोहित समाज आज बारवा मै देखने को मिला ये बारवा देव भूमि हैं तभी तो सारी माकूल व्यवस्थाएं चौक पाबंद मिली यू कहै कि पुरा 10 दिन का मैला सारी अमिट यादे गागर में सागर भरकर बारवा की धन्य धरा को विश्व पटल पर राजपुरोहित समाज का नाम अंकित करा गई ये सब श्री आत्मानंदजी की दिव्य ज्योति का फल था जो कण खाओ मण हो जाएगा कि कहावत को चरितार्थ कर गया एक महाप्रतिष्ठा पूर्ण हुयी एक संजीव देवतुल्य मूर्ति के दर्शन लाभ से सारे कष्ट हर लिये गये नमनः हैं श्री खेतेश्वर भगवान को नमनः हैं श्री आत्मानंदजी भगवान को-सुरेश हनवत सिह बारवा
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