औरंगाबाद में बिजली विभाग की लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित है. उपभोक्ताओ के घर में एक दिन भी बिजली का बल्ब जला नहीं, लेकिन किसी का 17 हजार तो किसी का 20 हजार का बिल आ गया. मामला है बारुण प्रखंड के मौआर खैरा गांव की एक तरफ जहां सरकार सभी को बिजली कनेक्शन देेने की मंशा रखती है वही विभाग सरकार की बखिया उधेडने में लगा है। ऐसा ही मामला बारुण प्रखंड के ग्राम मौआर खैरा गांव में सामने आया है. यहां उपभोक्ताओ का मीटर ठेकेदार के द्वारा लगा दिया गया पोल से तार मीटर में नहीं जोड़ा गया।उपभोक्ताओं का एक दिन भी बल्ब नही जला और विभाग के अधिकारियों ने ऑफिस में बैठे ही बिल क्रिएट कर दिया। मीटर रीडिंग करनेवाले अधिकारी की बात मान कर घर घर जाकर बिना मीटर रीडिंग के बिजली का बिल थमा दिया। अब उपभोक्ता काफी परेशान है।उन्हे यह डर सता रहा है कि गरीब कैसे बिल भरेंगे। वो किसी तरह प्रतिदिन मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट भर रहे है. इस बदहाली में गैरकानूनी बिल आखिर हम लोगों से क्यों वसुला जा रहा है . जब इस बिन्दु पर मीटर रीडिंग कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारी संतोष रजक से जब पूछा गया कि न तो पोल से तार खींचा गया है और न ही मीटर चल रहा है तो आपने कैसे उपभोक्ताओं को बिजली का बिल थमा दिया। इसपर संतोष ने बताया कि विभाग के अधिकारी ने आदेश दिया कि जितना भी मीटर लगा है उसका नंबर भेजो हालाकि संतोष ने भी मीटर बंद की बात को स्वीकार किया है मगर अपने अधिकारी के आदेश के आगे वह भी मजबूर दिखा
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