औरंगाबाद – पराली जलाने से बारूण के आधा दर्जन गांवों के खेत-खलिहानों में भीषण अगलगी, गुड़ की …

औरंगाबाद सरकार और प्रशासन द्वारा किसानों को बार-बार आगाह क़िया जाता है कि वें खेतों में लगी पराली को नही जलाएं। इससे पर्याववरण को नुकसान पहुंचता है और हादसा भी हो सकता है। इसके बावजूद किसान खेतों में पराली जलाने की आदत से बाज नही आ रहे है। ऐसी आदत से बाज नही आने का ही दुष्परिणाम बुधवार की दोपहर औरंगाबाद के बारुण प्रखंड में खैरा पंचायत के आधा दर्जन गांव के दर्जनों किसानों को उस वक्त भुगतना पड़ा जब पराली में लगाई गई आग की लपटें लू के थपेड़ो के साथ खलिहानों तक पहुंच गयी। एक-एक कर खलिहान धूं धूं कर जल उठे। आग ईटहट, तेतरहट, मकुन, तिनकोनवां, यादव बिगहा एवं अंजनियां गांव के खेतों से लेकर खलिहानों तक करीब 5 किमी. की लंबाई में लगी और फैली हुई है। आग की लपटे गांवों खेतों खलिहानो से निकलकर गांवों को निगलने को बेताब है। ग्रामीण डरे सहमे है। तीन घंटे से अधिक समय से इन गांवों के खेत-खलिहान में आग लगी हुई। आग से खलिहानों में रखी करीब 50 लाख की गेहूं, चना, मसूर, खेसारी, तीसी, सरसो आदि की कटनी कर रखी रब्बी की फसले राख हो गयी है। अगलगी में एक कोलसार(गुड़ बनाने की खलिहान में लगाई जानेवाली अस्थायी फैक्ट्री) क्रशर मशीन, सैकड़ो मन गन्ना की फसल समेत राख हो गया है। ग्रामीण और मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दो दमकल गाड़ियां आग पर काबू पाने में लगी है। आग की तेज लपटे धधकती हुई गांवों के घरों को निगलने को बेताब है। ग्रामीण घरों से बाहर निकलकर आग बुझाने में लगे है। ग्रामीण खेत खलिहानों को छोड़कर पहले अपने घरों को आग के चपेट में आने से बचाने में लगे है। पहले गांवों से सटे खेतो और खलिहानों की आग को बुझाने का काम चल रहा है ताकि आग गांवों में न घुसे और जान माल का नुकसान न हो। इस स्थिति में गांवों को तो आग के चपेट में आने से बचा लिया जा रहा है लेकिन दूसरी ओर आग खेतों की ओर बढ़ती ही जा रही है। अबतक आग खेतों में करीब 5 किमी. तक फैल गई है और खेतों में लगी रब्बी की फसलों की पराली भी धूं धूं कर जल रही है। हालांकि आग लगने के कारणों को लेकर कंट्रोवर्सी है। इस मामले में तेतरहट गांव के किसानों का आरोप है कि ईटहट गांव के किसानों ने डाही(पराली) में आग लगाई और वही आग फैलकर उनके गांव तक पहुंच आई और खलिहानों को चपेट में ले लिया, जिससे उन्हे भारी नुकसान हुआ है। वही ईटहट गांव के किसानों का कहना है कि तिनकोनवां गांव में शॉर्ट सर्किट से बिजली का तार टूटकर खेतों में गिरा है। तार के टूटने के दौरान शॉर्ट सर्किट की चिंगारी के गिरने से खेतों में पराली में आग लगी और यही आग आसपास के आधा दर्जन गांवों तक फैली हुई है। तेतरहट के किसान अवधेश राम, रामप्रसाद राम, रामजन्म राम, प्रवेश राम, गुपुत राम, सरयू राम, ईटहट के किसान जितेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह, अमरेंद्र सिंह एवं मुन्ना सिंह आदि ने बताया कि अगलगी से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खलिहानों में रखी करीब 50 लाख की रब्बी की फसले और पुआल आदि जलकर राख हो गई है। उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। वें जमीन पर आ गए है। अब उन्हे खाने के लिए अनाज तक के लिए सोंचना पड़ रहा है। इस बीच बारूण के अंचल अधिकारी ने बताया कि खैरा पंचायत के आधा दर्जन गांवों में खेत खलिहान में आग लगने की उन्हे सूचना मिली है। मौके पर दमकल गाड़ियां आग बुझाने में लगी है। आग बुझा लिए जाने के बाद अंचल के राजस्व कर्मी अगलगी पीड़ित गांवों में पहुंचकर नुकसान का जायजा लेंगे। उनके द्वारा दी जानेवाली रिपोर्ट के आधार पर नुकसान का आकलन कर पीड़ित किसानों को आपदा राहत के तहत मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी।

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