सालीचौका – गेहूं की तुलाई के इंतजार में तीन दिन से बैठे किसान हो रहे परेशान…

गेहूं की तुलाई के इंतजार में तीन दिन से बैठे किसान हो रहे परेशान पूर्णिमा वेयरहाउस गेहूं खरीदी केंद्र रहमा बसूरिया में हो रही अनियमितताओं से किसान हो रहे परेशान केंद्र पर सैकड़ो की संख्या में किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉली आने से अव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं। पूर्णिमा वेयरहाउस रेहमा बसुरिया मैं हो रही अनियमितताओं से किसानों में भारी आक्रोश पनप रहा है। तुलाई में गड़बड़ी को लेकर आए दिन विवाद हो रहे हैं। इस अव्यवस्था के चलते आज दूसरे दिन भी गेहूं की तूलाई नियम पूर्वक नहीं हो रही। खरीदी केंद्र पर किसानों के आक्रोश को देखते हुए अत्यधिक गेहूं की आवक होने के कारण वेयरहाउस प्रांगण खचाखच भर गया है। वही कई किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉली आने के कारण पूर्णिमा वेयरहाउस प्रांगण में निकलने तक की जगह नहीं बची है। अधिकांश किसानों का कहना है वह 3 दिन से ज्यादा समय से अपने ट्रैक्टर ट्रॉली में गेहूं लेकर आए हुए हैं, लेकिन उनकी तुलाई नहीं हो पा रही है। ग्राम के किसान ने बताया कि 3 दिन से गेहूं की फसल को बोरे में लेकर वेयरहाउस प्रांगण में डेरा जमाए हुए हैं, लेकिन खरीदी केंद्र पर उनकी उपज की तुलाई बड़े ही कछुआ चाल के साथ हो रही है। बसूरिया गांव के किसान बताया की खरीदी केंद्र पर किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। रुपए लेकर सर्वेयर से लेकर तुलाई केंद्र प्रभारी तक रुपए पहुंचने वाले किसानों की तुलाई की जाती है। जो किसान नंबर से ट्राली लेकर आते हैं उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है। खरीदी केंद्र पर बढ़ती अव्यवस्थाओं के कारण पूर्णिमा वेयरहाउस खरीदी केंद्र के सर्वेयर के द्वारा मट्टी युक्त बिना गुणवत्ता की गेहूं को पास करके खरीदी जा रही है आज प्रशासनिक अधिकारियों का औचक निरीक्षण हुआ जिन्होंने मौके पर पहुंचकर गेहूं की तुलाई हो रही कुछ ढेरों की तुरंत तुलाई बंद करवाया और उन्हें छलनी लगाकर तुलाई करने की आदेश दिए लेकिन अधिकारियों के जाते ही बगैर छलनी लगी गेहूं फिर से कांटे पर चढ़कर तुलने लगी और भर्ती में 50 किलो 700 ग्राम 800 ग्राम तक गेहूं तलाई की जा रही है किसानों की इस तरीके से हो रही लूट को प्रशासन गहरी निद्रा से देख रहा उचित जांच के बाद किसानों के साथ हो रहे अन्याय व भेदभाव पूर्ण रवैया पर अंकुश लगाते हुए गेहूं खरीदी केंद्रों पर ध्यान दिया जाए ऐसी किसानों की मांग है केंद्रों पर प्रमाणित तोल कांटे भी नहीं है। इससे किसानों के साथ तुलाई में भारी अनियमितताएं की जा रही हैं।

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