जन सुराज पदयात्रा के 196वें दिन की शुरुआत वैशाली के वैशाली प्रखंड अंतर्गत चिंतामनीपुर पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद जन सुराज पदयात्रा कैंप में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी जी जन्म शताब्दी पर एक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कर्पूरी ठाकुर जी के पोते अभिनव कुमार भी शामिल हुए। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से कर्पूरी जी के विचारों पर चलने वाले सैकड़ों लोग मौजूद रहे। जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्तूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक लगभग 2500 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है। वैशाली में पदयात्रा अभी 20 से 25 दिन और चलेगी और इस दौरान अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरेगी। जन सुराज अगर दल बनता है तो जिसकी जितनी संख्या है, उसको उतना मालिकाना हक मिलेगा : प्रशान्त किशोर जन नायक कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब जन सुराज दल बनता है मान लीजिए 100 लोग मिलकर दल बना रहे है तो उसमें 35 प्रतिशत अति पिछड़ा समाज के लोग, 15 प्रतिशत दलित समाज के लोग, 18 प्रतिशत अल्पसंख्यक समाज के लोग, 12 प्रतिशत यादव समाज के लोग होने चाहिए। यदि नारा दे रहें है कि “जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी भागीदारी” तो ये नारा दल बनाने में भी लागू होना चाहिए। जब आप लोग मिलकर दल बनाएंगे, तो आप लोगों की संख्या के अनुसार आपको मालिकाना हक मिलेगा उसको सुनिश्चित करेंगे। अन्य दलों के निर्माण की तरह नहीं की दल बनाने के बाद आपको पदाधिकारी बनने का मौका देंगे। जन सुराज जब दल बनेगा तो दल बनाने वालों में, दल के पदाधिकारियों में, दल के टिकट में और दल के संसाधनों में भी 35 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। कर्पूरी जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि अति पिछड़ा समाज को आगे बढ़ाया जाए, उनके नाम पर बाकी दल तो फीता काट ही रहे है: प्रशांत किशोर जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज अति पिछड़ा समाज के लिए क्या कर सकता है? जन सुराज में राजनीतिक भागीदारी की जो बात है, वो है और आगे भी रहेगी। हर जिलें में 2 से 3 क्लब अति पिछड़ा समाज का लड़का खोल सकता है। क्लब के संचालन, प्रशिक्षण और क्लब के माध्यम से समाज के बच्चों के पढ़ने और खेल-कूद की सारी जिम्मेदारी जन सुराज अपने खर्च पर करेगी। सभी लोग बताएं कि जन सुराज और क्या व्यवस्था या कोई काम कर सकती है जिससे अति पिछड़ा समाज के लोगों को आगे बढ़ाया जा सकता है। सभा में कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होंने कर्पूरी जी के साथ काम किया है, तो वो लोग बताएं कि कर्पूरी जी आज होते तो समाज के लिए क्या काम कर रहे होते, वही काम जन सुराज करेगा। वही कर्पूरी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बाकी कर्पूरी जी के नाम पर दूसरे दल फीता काट ही रहे हैं।
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