कमिश्नर के न्यायालय में लंबित वाद में आदेश आने से पहले सिरफिरे बने एसडीएम सदर,,,, मण्डलायुक्त न्यायलय ने फसल का सही मालिक की जांच कर आख्या मांगी थी,,,, नायब तहसीलदार कासगंज ने टीम के साथ जांच की ,, तो पाया फसल का असली मालिक राजवीर है उन्होंने अपनी आख्या प्रेषित कर दी,,,, एसडीएम सदर ने आख्या को नकारते हुए, अपनी गलत आख्या पेश की,,,, साहब जरा लोगों से जानकारी तो कर लेते,,,, माननीय मण्डलायुक्त न्यायालय के आदेश आने पहले एसडीएम ने थाना प्रभारी अमांपुर से मिलकर पीड़ित किसान की फसल दबंगो को कटवा दी,,,, पीड़ित किसान ने क्षेत्रीय लेखपाल नेत्रपाल पर भी पचास हजार रुपये लेने का आरोप लगाया है,,, पीड़ित का कहना है कि वह पुलिस के सामने गिड़गिड़ाता रहा लेकिन उसे फटकार कर अश्लील गालिया ही सुना डाली,,, योगी सरकार में कानून और अधिकार की धज्जियां एक सीरियल के तरह उड़ाई गईं,,,, अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़ित को न्याय मिल पाएगा या नही,,,,
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