जामताड़ा : नाला प्रखंड के अंतर्गत आदर्श गांव खैरा मे चौबीस प्रहर हरिनाम संकीर्तन का आयोजन होने से संपूर्ण क्षेत्र मे भक्ति रस प्रवाह होने लगी है ।क्षेत्र के दर्जनो गांवो जामदही, सालूका, श्रीपुर, जबरदहा, सालकुंडा, पुनसिया, पागला, मारालो, शीतलधरा, अगैया आदि गांवो मे भक्तिमय माहौल बना हुआ है। गांव मे हर और सिर्फ और सिर्फ हरि ध्वनि हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ही सुनाई पड़ रहा है ।ऐसा लग रहा है कि खैरा गांव खैरा नही वृन्दावन धाम लग रहा है ।वही हरिनाम संकीर्तन स्थल को भव्य तरीके से सजाया गया है, तथा आकर्षक लाइट, पंडाल से जगमगा रहा है । चौबीस प्रहर हरिनाम संकीर्तन के दूसरे दिन मंगलवार की शाम को गौर चंद्र यादव के द्वारा एक से बढ़कर एक शानदार हिंदी भजन प्रस्तुत कर श्रोताओ को झुमने पर विवश कर दिया ।भजन संगीत प्रस्तुत करते हुए गौर चंद्र यादव ने कहा कि सत्संग मे आने वाले सज्जन ही परमात्मा की कृपा के पात्र बनते है ।सत्संग से ही जीव को वह ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे इस संसार के दुखो से छुटकर अनंत सुख को प्राप्त कर सकते है ।सत्संग भजन करने वालो को जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है ।इसके लिए सच्चे सद्गुरु की शरण मे जाकर उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए ।वही परमात्मा से मिलाने का एक कड़ी होता है ।श्री यादव ने कहा कि मानव शरीर की सार्थकता को समझकर व्यक्ति को साधन-भजन कर मोक्ष प्राप्त करना चाहिए ।इससे मानव अज्ञानी नही बल्कि आत्मज्ञानी बनते है ।इस अवसर पर टीम के राजकुमार यादव, सुकुमार यादव ने बेहतरीन दोहारी किया।तत्पश्चात रात के नौ बजे पश्चिम बंगाल के सुप्रसिद्ध कीर्तनिया रूपा दास वैराग्य ने निमाई सन्यासी बांग्ला पाला कीर्तन पेश कर माहौल को भक्ति मय बना दिया ।वही मुख्य पुरोहित के रूप मे कामदेव पाण्डेय है । मालूम हो कि खैरा गांव मे सोलह आना ग्रामीणो के सहयोग से 24 प्रहर हरिनाम संकीर्तन लगभग अस्सी वर्षो से किया जा रहा है ।वही कीर्तन के सफल संचालन को लेकर कमिटी के सदस्य काफी सक्रिय दिखे ।
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