12 कोला पंचायत, बलिया डी पंचायत, चाय महापुर पंचायत जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का नजारा कुछ इस तरह है जिस तरह 20 वर्ष पहले दिखती थी, पिपरा से लेकर पा झरना घोरमारा 5 वर्ष बाद भी सड़क का निर्माण संवेदक धारा पूर्ण नहीं किया गया एवं पूरी राशि निकासी कर लिया गया, पूर्व मुखिया एवं ग्रामीणों के द्वारा अखबारों में पत्रकारों को बुलाते हैं आवाज उठाते हैं तब जाकर संवेदक इंजीनियर के कान खड़े होते हैं कभी मोहरम बिछा दिया जाता है कभी मिट्टी डाला जाता है लेकिन लेकिन सड़कें जस के तस उसी तरह बदहाल है, इस सड़क से गुजरने वाले कितने ग्रामीण गिरे हाथ पैर टूटे चोट लगी किसी पदाधिकारी को कोई फिक्र नहीं, पिपरा से घर मारा जाने वाली बीच सड़क में लड़के अमरुद है इसलिए कि सड़कें टूट गई है उस जगह पुल बननी चाहिए थी लेकिन संवेदक इंजीनियर ने एक पाइप बिछाकर दिखा दिया गया पुल बनकर तैयार है लेकिन बारिश आते ही वह पुल धराशाई हो गया, या सड़क सुदूरवर्ती इलाका होने के कारण यहां के ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, यहां के जनता को कहना है कि नेता कहते हैं कि सरकारें बदलेगी तो विकास भी होगी विकास का पैमाना भी बढ़ेगा परंतु व्यवस्था जस के तस अपने विकास का आंसू बहा रहा है जनता परेशान हताश नेता पदाधिकारी संवेदक इंजीनियर अपने जेब भरने में लगे हैं और यहां की जनता कष्ट झेल रहे हैं, यहां के जनता को कहना है कि यह सड़कें जल्द से जल्द बने जिससे हम सबों की परेशानी ना हो हम सरकार से डीएम साहब से पदाधिकारी से गुहार लगा रहे हैं
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