केंदुआ – कच्छी बलिहारी उरांव बस्ती में सरहुल पूजा महोत्सव का आयोजन

केंदुआ। कच्छी बलिहारी उरांव बस्ती मे प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरना समिति द्वारा सरहुल पर्व हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाने का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम सरहुल पर्व महोत्सव के शुभ अवसर पर सखुआ के डाली भूमि में गाड़ा गया एवं( पहान) रोहित उराव के द्वारा उरांवभासी मंत्र उच्चारण कर अनुष्ठान का पूजन करने के बाद खिचड़ी भोग प्रसाद के रूप में वितरित की गई। जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किए एवं आदिवासी पुरुष महिलाएं छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक झूमर गीत नृत्य प्रस्तुत किया गया। सभी रोग प्रारंपरीक पोशाक पहने हुए थे। इस अवसर पर सरहुल पूजा महोत्सव के अध्यक्ष श्री अमित उरांव एवं पिंकी उरांव ने सरहुल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सरहुल आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है और यह मात्र 2 शब्दों से बना है इस तरह पतझड़ के बाद बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही सखुआ का पेड़ पर नए पत्तों और फूलों का आगमन हो जाता है। जिससे पूरे जंगल क्षेत्र में प्राकृतिक बदलाव देखने को मिलता है जिसे सरहुल कहा जाता है। इस पर्व में संथाली मुंडारी खड़िया, सरना, नागपुरी एवं हो भाषा में सरहुल को वाहपर्व कहा जाता है मुख्यतः सरहुल पर्व प्रकृति और सृजन शक्ति को समर्पित करता है आदिवासियों का मानना है कि इस पर्व को मनाए जाने के बाद नई फसल का उपयोग शुरू किया जा सकता है सरहुल मुख्यत: फलों का त्यौहार है इस दौरान आदिवासी महिलाएं लाल कोर वाली सफेद साड़ी पहनती है क्योंकि सफेद सादगी शुद्धता का प्रतीक है तथा लाल रंग संघर्ष का झाम है साथ ही सफेद सिंह बोंगा का और लाल बोंगा का प्रतीक है कार्यक्रम में सरहुल पर्व महोत्सव के सचिव मनोज उरांव ने कहा की सरहुल आदिवासी समाज और सांस्कृतिक का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे आदिवासी सांस्कृतिक से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों को उनके संस्कृति को बरकरार रखने की जरूरत है और ऐसे कार्यक्रम से आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है तभी उरांव आदिवासी समाज इस पर्व के प्रति जागरूक की ओर अग्रसर हो सकते हैं। मौके पर सरहुल पर्व महोत्सव के अध्यक्ष श्री अमित उरांव, सचिव मनोज उरांव, कोषाध्यक्ष अविनाश उरांव, (पहान) रोहित उरांव, पिंकी उराव, मोहित उरांव, वार्ड संख्या 10 के पूर्व पार्षद देवाशीष पासवान, वार्ड संख्या 9 के पार्षद प्रतिनिधि सुभाष पासवान, जलेश्वर महतो, जनार्दन पासवान, ललित किशोर प्रसाद, अविनाश उरांव, शिवनाथ, गोपाल, लोकेश, मुकेश ने, देवाशीष, सियाराम, राजीव, लखराज, गायत्री, रितेश, गोलू, लक्ष्मी उरांव, रोबनी उराव, पूजा, खुशबू, राज, इत्यादि उपस्थित थे

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