पानसेमल नगर के नया प्लाट वार्ड न 10 में श्री शिव महापुराण कथा का यज्ञ, पूर्णाहुति, आरती एवं महाप्रसादी के साथ समापन हुआ। कथा समापन के पूर्व व्यासपीठ पर विराजमान कथावाचक स्वामी हंसानंद तीर्थ महाराज ने कहां मनुष्य अंधकार व अज्ञानता में अपना जीवन बिता रहा है। मनुष्य की अज्ञानता एक उदाहरण से जानी जा सकती है, वह यह कि मनुष्य अपना ही जन्मदिवस मनाता है वह भी पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते हुए मूर्खता करता है ।शास्त्रों के अनुसार जन्म दिवस उन्हीं का मनाया जाता है जो ज्ञान से परिपूर्ण है, सर्वज्ञ है, ज्ञाता है और वह पूर्णता सिर्फ परमात्मा में है । परमात्मा ही सर्वज्ञ है । सर्वज्ञता योग माया में है । इन्हीं का जन्म दिवस मनाया जाना चाहिए । कथा के पश्चात समापन अवसर पर स्वामी हंसानंद तीर्थ महाराज बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) मेंद्राणा स्थितराधा कृष्ण धाम के संत राजाराम दास महाराज, डोंडवाडा के परमेश्वरानंद महाराज, समशेरपुर के तुकाराम महाराज, शंकर दास महाराज, प्रवीण दास महाराज एवम मुख्य यज्ञाचार्य पंडित नरेन्द्र कुलकर्णी इनका अभिनंदन कर आयोजक समिति एवं मुख्य यजमान की ओर से शाल श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया गया । पश्चात नव कन्याओं का पूजन कर महा प्रसादी प्रारंभ की गई । महा प्रसादी में करीब 3 से 4 हजार श्रद्धालुओं ने महा प्रसादी का पुण्य लाभ लिया।सभी के सहयोग से सफल आयोजन हुआ।
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