रोरावर शमशान के रास्ते में कब्रिस्तान की बाउंड्री को लेकर हंगामा, बाजार कराए बंद, थाना घेराअलीगढ़ के थाना देहली गेट अंतर्गत रोरावर श्मशान के रास्ते में कब्रिस्तान की बाउंड्री को लेकर दोपहर में विवाद शुरू हो गया। 17 फरवरी को हुए बाउंड्रीवॉल विवाद के बाद रुकवाए काम को फिर शुरू कराने का भाजपाइयों ने आरोप लगाया। पुराने शहर के बाजार को बंद कराया गया।बीते वर्ष 2003 में रोरावर श्मशान के जिस रास्ते के विवाद को लेकर दंगा हुआ था, उसी रास्ते में कब्रिस्तान की बाउंड्री को लेकर अलीगढ़ में हंगामा शुरू हो गया। बाजार को बंद कराया जाने लगा, सपा नेता और भाजपा नेताओं के बीच तनातनी हुई। पुलिस-फोर्स ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। अलीगढ़ के थाना देहली गेट अंतर्गत रोरावर श्मशान के रास्ते में कब्रिस्तान की बाउंड्री को लेकर दोपहर में विवाद शुरू हो गया। 17 फरवरी को हुए बाउंड्रीवॉल विवाद के बाद रुकवाए काम को फिर शुरू कराने का भाजपाइयों ने आरोप लगाया। पुराने शहर के बाजार को बंद कराया गया पूर्व विधायक जमीरउल्लाह ने देहली गेट थाने में भाजपा नेताओं के खिलाया मारपीट और अभद्रता की तहरीर दी है। पूर्व विधायक ने जानलेवा हमले का आरोप लगाया और कहा कि न्याय न मिला तो जाउंगा हड़ताल पर। भाजपा नेताओं ने थाने का घेराव किया। एसपी सिटी सहित कई थानों का फोर्स पुराने शहर के अलग-अलग इलाकों में तैनात है।है रोरावर प्रकरण वर्ष 2003 में कनवरीगंज इलाके से एक शव यात्रा के रोरावर श्मशान जाने के दौरान रास्ते को लेकर दो समुदायों में झगड़ा हुआ था। इस झगड़े ने सांप्रदायिक रूप ले लिया और पुराने शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ गया था। इसका मुकदमा तत्कालीन एसओ देहली गेट अरुण कुमार सिंह की ओर से दोनों समुदायों के 39 लोगों पर दर्ज कराया था, जिसमें उस समय के पूर्व विधायक स्व. के के नवमान, भाजपा के वरिष्ठ नेता व अब पूर्व विधायक संजीव राजा, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष स्व. चरणजीत अरोरा, संजय टाइल्स आदि प्रमुख नाम शामिल थे। इनमें से कई लोग जेल भी गए थे। मौके से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए गैर समुदाय के आरोपी भूरा उर्फ चोमड़ा की जमानत नहीं हो सकी और साढ़े तीन साल जेल में रहने के बाद उसके खिलाफ ट्रायल पूरा हुआ। बाद में उसे अदालत ने बरी कर दिया था।
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