हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी बडे हसो उलास गाजे बाजे ढोल नगाडे के साथ भजन कीर्तन गैर होती है गैर माँ रोहिणी कुलदेवी गुदेशा परिवार बारवा माँ रोहिणी के दरवार में गैर का उत्सव मनाने के लिए गाव वासियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है कियो की गाव वासियों की आस्था माँ रोहिणी से जुड़ी हुई है गाव बारवा में मां रोहिणी का प्राचिन मंदिर है चमकारी मदिर है कोई भी गाव में शुभ कार्य से पहले माँ रोहिणी की जय जय कारे भकत गण जरूर लगाते हैं आस्था में शक्ति होती है यही शक्ति माँ के दरवार से हमे मिलती है
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