रंगपंचमी पर माता जानकी दरबार करीला धाम हुआ जगमग, लाखो श्रद्धालुओं ने मन्नती मंदिर में मत्था टेका। रंगपंचमी पर 20 लाख श्रद्धालुओं ने माता जानकी के किए दर्शन रंग पंचमी पर प्रतिवर्ष आयोजित होने बाला मां जानकी दरबार करीला मेला इस वर्ष भी भव्यतापूर्ण आयोजित हुआ, होली से ही लोगो का जनसैलाब इस मेले में जाता दिखाई दिया और माता सीता के दर्शन कर अपनी मनोकामना के साथ लोगो का हुजूम समय के साथ साथ बढ़ता चला गया। करीला मेला सिर्फ मध्यप्रदेश तक सीमित नहीं बल्कि भारत के अनेक हिस्सों से लोग यहां आते है और मां से बिनती करते दिखाई देते है, और कहा जाता है की लोगों की मुराद पूरी हो जाने पर करीला में राई कराते हैं, करीला ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव ने बताया की रात्रि में ग्यारह बजे ही लगभग पंद्रह लाख लोगो ने दो दिन में दर्शन किए और करीब करीब मेले के समापन तक यह आंकड़ा दो गुना होने की संभावना मानी जा रही है। इस मेले में इतनी बड़ी तादात में लोगो का आना और मेले में सभी तरह के पुख्ता इंतजाम का होना, जिससे कोई अप्रिय घटना न घटे, इसको लेकर प्रशासन के द्वारा महीनो की मेहनत दिखाई देती है। इस मेले में अगर लाखो श्रद्धालु आते है तो स्वभाभिक है की गंदगी भी चारो ओर होगी, लोग मेला देखते है मां के दर्शन करते है और इसके बाद बह घर होते है परंतु प्रशाशन की व्यवथा उसके बाद भी होती है इस परिसर को स्वक्षता की दृष्टि से देखने हेतु बनाया जाए ये जिम्मा नगरपरिषद मुंगावली के सफाई कर्मचारी के जिम्मे होता है, मुंगावली सी एम ओ विनोद उन्नीतान ने बताया की बह भाग्यवान जिनको इस मेले में पांच बार कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जब सी एम ओ विनोद उन्नीतान मुंगावली पुनः स्थानांतरण होकर आए तो एक सवाल के ज़बाब में उन्होंने कहा था की मुझे मां जानकी ने बुलाया है और बह बात इस दरबार में उनकी मेहनत को देखकर समझी जा सकती है। हम आपको बता दें कि करीला धाम में आए श्रद्धालुओं ने मां जानकी के दर्शन के साथ साथ बधाई भी कराई, तो इस मेले में सबसे अधिक बिक्री यहां मिलने बाली कढ़ाई की भी हुई मान्यता है की यहॉ मिलने बाली कढ़ाई में तेल कम लगता है और इससे अन्न की बरक्कत भी घर में सदा होती है, मेले की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इस मेले में झूले हो या अन्य दुकानें उन पर ग्राहक बड़ी संख्या में मौजूद थे तो कहा जा सकता है व्यापारिक दृष्टि से यह मेला कारगर सिद्ध होता दिखाई देने लगा है। इतना बड़ा आयोजन हो तो छुटपुट घटना से निबटने का पुख्ता इंतजाम शासन ने किया था जिसमे डॉक्टर , पुलिस की भूमिका भी अहम रही इसके साथ सरकारी विभागों के सभी अधिकारी कर्मचारी अपनी सहभागिता निभाते नजर आए।
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