कैमूर। बिहार के पशुपालकों पर नीतीश सरकार का कोई ध्यान नहीं है सिर्फ कागजी रूप से पशुपालकों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जमीनी हकीकत पर ऐसे पशुपालकों को पशुओं के इलाज कराने को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उक्त बातें कैमूर जिले के जिला परिषद सदस्य चांद के मनी सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा। जिला परिषद सदस्य ने कहा कि बिहार में पशुओं के इलाज के लिए चिकित्सक नहीं है। चिकित्सकों के अभाव में पशुओं का इलाज नहीं हो पाता है और पशुपालक काफी परेशान रहते हैं। श्री सिंह ने कहा कि कागजों में सिर्फ नीतीश सरकार किसानों को ध्यान दे रही है। इसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा है कागज पर दिखाया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में पशु चिकित्सक है लेकिन सरकार का यह दावा फेल है। चिकित्सकों के अभाव में पशुपालन पशुओं का अपने निजी डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं। ऐसी समस्याओं को लेकर 14 मार्च को जिला में होने वाली बैठक में मुद्दा उठाया जाएगा। – जल स्तर नीचे भागने से पानी का उत्पन्न हो रहा संकट प्रेस वार्ता के दौरान जिला परिषद सदस्य ने कहा कि अभी मार्च महीने की शुरुआत ही हुई है कि जिले में पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है। चापाकल का जलस्तर लगातार घट रहा है। जिसके कारण पानी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सरकार द्वारा लगाया गया नल जल योजना से लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार व जिला प्रशासन से हमारी मांग है कि जिला प्रशासन पानी की समस्या को दूर करें। इस दौरान जहां नल जल योजना खराब है। उसका मरम्मत कराया जाए और जहां चापाकल की जरूरत है। वहां पर चापाकल लगाया जाए। इन सभी मुद्दों को लेकर 14 मार्च को होने वाली बैठक में यह मुद्दा को उठाया जाएगा।
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