विजयराघवगढ़ – क्रिकेट टूर्नामेंट में उपजा विवाद खिलाड़ियों पर हुई कार्यवाही परिजनो के साथ थाने में…

बंजारी में क्रिकेट टूर्नामेंट में सेमीफाइनल खेलने को लेकर उपजा विवाद पर पुलिस को बुलाया गया, विवाद इस कदर बढ़ा की एक टीम के कुछ मेम्बर्स ने खेल मैदान पर अपनी टीम को सेमीफाइनल खेलने और कमेटी द्वारा न खिलाने का फरमान ने तूल पकड़ा। वीओ- वैभव सिंह राजपूत ने बताया –विजयराघवगढ़ क्षेत्र के बंजारी में क्रिकेट टूर्नामेन्ट में सेमीफाइनल में पहुँचने वाली टीम V V 11 क्वार्टर फाइनल जीत सेमीफाइनल मैच न खिलाये जाने का विरोध कर रही थी, मैच सेमीफाइनल में जगह बनाने के बावजूद VV11 को सेमीफाइनल से बाहर किया जा रहा था,अपनी बात हमारी टीम के सदस्य कहने लगे तो कमेटी ने पुलिस बुलवाया और हमारी तिमनके सदस्यों को पुलिस पकड़ कर मैदान से घसीटते कॉलर पकड थाने ले गई। — -खिलाड़ी अर्स हुसैन ने बताया कि हमारी मांग दरकिनार कर पुलिस को बुलाकर ख़िलाडीयो को भरे मैदान से खींचकर पुलिस थाने ले गई,जहाँ खिलाड़ियों के साथ जमकर मारपीट की गई,यहां तक की उसकी माँ को खबर लगी तो बीच बचाव करने आई तो उसे भी धक्का मार अलग कर दिया,थाने गई माँ तो उसे बन्द कर एक महिला के साथ मारपीट कर रात भर थाने में बन्द रखा। — – सलमा बेगम जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है उसके अपनी संतान को बचाने थाने जाना भारी महंगा पड़ा, एक महिला के साथ थाना प्रभारी विजय सिंह बघेल ने मारपीट किया और अन्य महिला पुलिसकर्मी से पिटवाया, महिला सलमा बेगम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने स्वयं उसे थप्पड़ों से पीटा है और रात भर बन्द रखा दूसरे दिन न्यायालय से हम लोग छूटे है और हमारे दो बेटों को जेल भेज दिया गया,जो सरासर नाइंसाफी है,खेल को खेलना इतना महंगा हमारे परिवार के बच्चों को पड़ा कि थाने में हमारे लड़को को और हमे रात भर बेरहमी से पीटा गया । वही विजयराघवगढ़ थाना प्रभारी विजय सिंह बघेल ने पीडितजनो के सारे आरोप को खारिज करते हुए बताया कि खेल मैदान में उपजे विवाद पर मिली शिकायत पर मामला पंजीबद्ध किया गया है। दरअसल आपको बता दे कि बंजारी में हुए टूर्नामेंट के विवाद का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे साफ देखा जा सकता हैं,…की पुलिस ने खेल मैदान से खिलाड़ियों को किस तरह गिरेबान व हाथ पकड़ खेल मैदान से ले जा रही है,जो की खेल मैदान एक अखाड़ा बना दिखाई दे रहा है, खेल को खेलभावना से कमेटी या आयोजक करवा लेते तो शायद ये विवाद इतना न गहराता,,,, न ही कोइ खिलाड़ी जेल जाता और न किसी खिलाड़ी के माँ को रात भर अपने बच्चों की सुध लेनी की सजा रात भर थाने में बन्द रहकर, बेरहमी से पुलिस के दरोगा के हाथों व पुलिस कर्मी से पीटना पड़ता बहरहाल इस पूरे मामले में खिलाड़ियों के मन मस्तिष्क में पुलिस के द्वारा किये बर्ताव ने एक सवालिया निशान जरूर खड़ा कर दिया है,की खिलाड़ियों के साथ हुए दुर्व्यवहार से क्षेत्र में सनसनी जरूर फैल गईं है।

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